ब्लिट्ज ब्यूरो
तिरुपति (आंध्र प्रदेश)। तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर के प्राचीन ‘पहाड़ी मंदिर’ मंदिर के शासी निकाय ‘तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम’ (टीटीडी) के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये (करीब 30 अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा संपत्ति है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मंदिर के एक अधिकारी ने बताया, टीटीडी अमीर और समृद्ध होता जा रहा है, क्योंकि पहाड़ी मंदिर में भक्तों के द्वारा दान में नकदी और सोना देना जारी है। बैंकों में सावधि जमा (एफडी) भी आय दे रही हैं।
शासी निकाय के सूत्रों ने बताया कि देशभर में टीटीडी के स्वामित्व वाली संपत्ति का मूल्य 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इसमें भक्तों द्वारा मंदिर को प्रसाद के रूप में दिए गए भूमि पार्सल, भवन, नकदी और बैंकों में जमा सोना शामिल है।
कई पीएसयू और निजी बैंकों में टीटीडी की सावधि जमा जून 2019 में 13,025 करोड़ रुपये थे, जो 30 सितंबर 2022 को 15,938 करोड़ रुपये पार कर गई। इसे रिकॉर्ड वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है। देवस्थानमम द्वारा बैंकों में जमा किया गया सोना भी अब 30 सितंबर 2022 तक 10.25 टन हो गया है। यह सोना 2019 में 7.3 टन था।
भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक में जमा 10.25 टन सोने से टीटीडी को अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। अकेले एसबीआई के पास करीब 9.8 टन सोना जमा है। टीटीडी की देशभर में सात हजार एकड़ से ज्यादा की 900 से अधिक अचल संपत्तिया हैं। यह आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिसा, हरियाणा, महाराष्ट्र और नई दिल्ली में बड़ी संख्या में मंदिरा का संचालन करता है। ओएनजीसी, विप्रो और नेस्ले जैसी कंपनियों के पूंजी बाजार से ज्यादा संपत्ति मंदिर की कुल संपत्ति (2.5 लाख करोड़ रुपये) है जो कि आईटी सर्विस फर्म विप्रो, नेस्ले और सरकार के स्वामित्व वाली दिग्गज ओएनजीसी और आईओसी की बाजार पूंजी से ज्यादा है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 1933 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार संपत्ति घोषित की थी।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी कीमत पर तिरुपति मंदिर की कुल संपत्ति कई ब्लू-चिप भारतीय कंपनियों से ज्यादा है। शुक्रवार को कारोबार के अंत में बेंगलुरु की विप्रो का मार्केट कैप 2.14 लाख करोड़ रुपये थे, जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट का मार्केट कैप 1.99 लाख करोड़ रुपये था।
स्विस मल्टीनेशनल कंपनी नेस्ले की भारतीय इकाई की बाजार पूंजी 1.96 लाख करोड़ रुपये है, जो मंदिर की कुल संपत्ति से कम है। इसी तरह तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की बाजार पूंजी का मूल्य भी मंदिर की संपत्ति से कम है।