ब्लिट्ज ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (वाईआईएएल) की विमान सेवा अप्रैल में शुरू होने की घोष्ाणा से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र ने यमुना अथॉरिटी में स्थित जेवर एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रनवे, टैक्सीवे, एप्रन, टेलीकॉम इक्वीपमेंट्स, रडार सिस्टम, एटीसी टॉवर, फायर स्टेशन और टर्मिनल बिल्डिंग आदि के निर्माण कार्यों को देखा। उन्होंने अधिकारियों को जेवर एयरपोर्ट से विमान सेवा तय समय पर ही शुरू होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित संस्थाओं यमुना अथॉरिटी लिमिटेड के सीईओ, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (निआल), डेवलपमेंट कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल, प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट के पदाधिकारियों, जिलाधिकारी, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, सीआईएसएफ, डीजीसीए और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इत्यादि से विस्तार से चर्चा की।
25 प्लेन एक साथ खड़े हो सकते हैं
दुर्गाशंकर मिश्र ने इस दौरान कहा, प्रथम चरण में वार्षिक रूप से 1.2 करोड़ यात्रियों के आवागमन के लिए कार्य चल रहा है। यह क्षमता अंतिम चौथे चरण तक 7 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी। इसमें चार चरणों में छह एयरस्टि्रप बनेंगी। अभी एक पर कार्य चल रहा है। अभी एप्रन में 25 प्लेन एक साथ खड़े हो सकते हैं और 8 एयरोब्रिज हैं।
कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा
चीफ सेक्रेटरी से कहा, मुझे खुशी है कि इस एयरपोर्ट के अधिकांश कार्य लगभग समय से चल रहे हैं। जहां कहीं कठिनाइयां आ रही हैं, उन पर विस्तार से चर्चा करके तरीका निकालने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे यह एयरपोर्ट इसी वर्ष 2024 में वर्ष से पूर्व चालू हो सके। मौके पर तमाम सारे आवश्यक उपकरण पहुंच चुके हैं, जो कुछ लग चुके हैं या उनको लगाने की कार्यवाही चल रही है। बहुत सारे कार्य फिनिशिंग स्टेज पर हैं।
एयर कनेक्टिविटी हब बनेगा
आईएएस दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस बात के लिए मुझे आश्वस्त किया कि उनके द्वारा सारे नेविगेशन के उपकरण ले लिए गए हैं, जो समय से लगा दिए जाएंगे। जिससे एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो सके। डीजीसीए ने भी अपना पूरा शेड्यूल बना रखा है, ताकि आवश्यक क्लियरेंस देने में अनावश्यक विलम्ब न हो।