ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश के कुछ हिस्सों में जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। राज्यों से निगरानी बढ़ाने की अपील की गई है। महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को परामर्श जारी कर हालात पर कड़ी निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया।
जीका वायरस संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया भी होता है। अब तक पुणे में जीका के 6 और कोल्हापुर व संगमनेर में एक-एक मामला सामने आ चुका है।
केंद्र का राज्यों से आग्रह
केंद्र ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच पर ध्यान दें और किसी भी महिला में यह संक्रमण पाए जाने पर भ्रूण के विकास की निगरानी करें। गर्भवती महिलाओं के जीका वायरस से संक्रमित होने पर उसके गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का पूर्ण विकास नहीं होने के चलते सिर का आकार छोटा होने की आशंका रहती है।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति का निर्देश दिया
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने स्वास्थ्य सुविधाओं से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का भी निर्देश दिया, जो एडीज मच्छरों से होने वाले संक्रमण की निगरानी करते हुए कार्रवाई करेगा।
पुणे में जीका वायरस के कई केस मिलने से हड़कंप
पुणे में 55 वर्षीय एक महिला के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसी के साथ पुणे में इस घातक वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर सात हो गई। इनमें दो गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
पुणे नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोथुर्ड की दाहनुकर कॉलोनी से एक महिला ने शरीर पर चकत्ता बनने और जोड़ों में दर्द होने की शिकायत की थी। जांच रिपोर्ट में उसके जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
डॉक्टर व उसकी बेटी भी संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंद्वाने में सामने आया। यहां एक 46 वर्षीय डॉक्टर की रिपोर्ट जीका पॉजीटिव आई है। वहीं डॉक्टर की 15 साल की बेटी भी संक्रमित पाई गई है। साथ ही मुंधवा से भी दो मामले सामने आए हैं, इनमें एक 47 वर्षीय महिला और 22 वर्षीय युवक शामिल हैं।
पहला केस कब आया
युगांडा में बंदरों में इस वायरस का संक्रमण देखने को मिला था। हालांकि, इंसानों में जीका का पहला केस 1952 में सामने आया था। बीते कुछ सालों में अलग-अलग देशों में जीका के केस देखने को मिले हैं। अक्टूबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच ब्राजील में 4000 बच्चों में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
क्या है लक्षण और बचाव
डॉक्टरों के मुताबिक जीका वायरस से संक्रमित मरीजों को बुखार आता रहता है। मरीज सिरदर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत कर सकते हैं। आंखें लाल हो जाती हैं। शरीर पर लाल चकत्ते भी निकल जाते हैं। चूंकि, यह संक्रमण मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें। बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें। जिन इलाकों में संक्रमित मरीज रह रहे हैं, वहां जाने से परहेज करें, साथ ही खाने का विशेष ध्यान रखें।