अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस बीता है। आज जब सारी दुनिया महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें बराबरी का स्थान व सम्मान देने की बात कर रही है तो वहीं भारत में समय-समय पर कुछ ऐसी घटनाएं घट रही हैं जिनसे महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयासों को गंभीर झटका लग रहा है। हाल ही में दिल्ली में घटा श्रद्धा कांड और पूर्व में हुआ निर्भया कांड जैसी वीभत्स वारदात देश की राजधानी तथा अन्य हिस्सों में तभी रुक सकती हैं जब ऐसे मामलों को रोकने के लिए और सख्त कानून बनें तथा किसी भी हाल में इस प्रकार की वरादात को अंजाम देने वाले अपराधी किस्म के लोग बच नहीं पाएं। इसी के साथ महिलाओं को भी अपने साथ रह रहे या अपने आसपास ऐसे व्यक्तियों से सतर्क और सचेत रहना होगा ताकि वे उनके नापाक इरादों का शिकार न बन पाएं।
साथ ही सरकार को भी अपने प्रयासों को और संजीदगी से अमल में लाना होगा और गांव से लेकर शहरों तक महिलाओं को जागरूक बनाना होगा ताकि महिलाएं अपने से संबद्ध कानूनों का सही ढंग से इस्तेमाल कर पाएं और उनके प्रयोग में हिचकिचाएं नहीं, तभी महिला सशक्तिकरण के सरकार के प्रयास सफल हो पाएंगे।