ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने एक फेयरवेल कार्यक्रम के दौरान मशहूर शायर फैज अहम फैज का शेर पढ़कर सभी को अचंभित कर दिया। मौका था सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज संजय किसन कौल की रियाटरमेंट का। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट में फेयरवेल समारोह का आयोजन किया गया था। इस मौके पर सीजेआई ने जस्टिस कौल को संबोधित करते हुए फैज अहमद फैज का शेर पढ़ा,
‘वीरां है मैक़दा, खुम-ओ-सागर उदास है तुम गए तो रूठ गए दिन बहार के’
इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं पहली बार जस्टिस कौल से सेंट स्टीफन कॉलेज में मिला था। आपातकाल के बाद हम पहले बैच में थे और कैंटीन में हमारी अनगिनत बातचीत और थिएटर के प्रति हमारे लगाव ने हमें दोस्त बना दिया।
जस्टिस कौल के साथ अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने (जस्टिस कौल) छात्र संघ चुनाव लड़ा और हमने उनका पूरा समर्थन किया। चूंकि मैं अकादमिक रूप से मजबूत था, इसलिए मुझे उनका घोषणापत्र तैयार करने का काम सौंपा गया था। तीन साल बाद सेंट स्टीफंस से स्नातक होने के बाद, कौल और चंद्रचूड़ दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में बैचमेट थे, जहां उन्होंने कानून में अपनी डिग्री पूरी की।
एलएलबी के दौरान संजय के नोट्स प्रसिद्ध थे लेकिन उन्होंने कभी भी अपने नोट्स को प्रैक्टिस बुक में नहीं बनाया क्योंकि उन्हें चिंता थी कि वह व्यक्ति नोट्स वापस नहीं करेगा। वह नोट्स मांगने वाले से पूछते थे कि उसने कौन सी क्लास नहीं की है और उसी के हिसाब से उन्हें नोट्स दिया करते थे।