नई दिल्ली। ईयरफोन, ईयरबड या हेड फोन वो समान हैं जिनके बिना कुछ लोग घर से निकलते नहीं है। कुछ लोगों के लिए ईयरफोन आस-पास के लोगों को इंग्नोर करने की डिवाइस है। जब किसी की बात नहीं सुननी होती तो कान में ईयरफोन लगा कर अपनी दुनिया में मस्त हो जाते हैं। क्या आप जानते हैं यह ईयरफोन बाहरी आवाजों को हमेशा के लिए शांत कर सकता है। जी हां आपकी फेवरेट डिवाइस आपको हमेशा के लिए बहरा बना सकती है।
हाल ही में हुई एक स्टडी में चेतावनी दी गई है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग बहरे हो सकते हैं जो ईयरफोन जैसी डिवाइस का लगातार इस्तेमाल करते हैं या लाउड आवाज में ज्यादा समय बिताते हैं।
क्या है स्टडी
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, स्मार्टफोन, हेडफ़ोन और ईयरबड्स जैसे व्यक्तिगत सुनने वाले उपकरणों का उपयोग करने वाले 1 बिलियन से ज्यादा लोग अपने सुनने की शक्ति खो सकते हैं।
शोध के अनुसार, ज्यादातर लोग ईयरफोन में 105 डीबी तक का वाॅल्यूम सुनते हैं। मनोरंजन स्थलों पर औसत वॉल्यूम स्तर 104 से 112 डीबी तक होता है। वाॅल्यूम का यह स्तर कानों के लिए हानिकारक होता है। भले ही आप थोड़े ही समय के लिए ऐसे माहौल में हों।
यदि आप नियमित रूप से लंबे समय तक तेज आवाजें सुनते हैं तो आप अपने कानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सुनने की क्षमता को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए हेडफोन का वाॅल्यूम कम रखें।
ओवर-द-ईयर हेडफोन में ईयरबड्स कान के पर्दो से थोड़ी दूरी पर होते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि आवाज से होने वाली क्षति को कम करने के लिए यह दूरी महत्वपूर्ण है।
वॉइस कैंसलिंग हेडफोन
अक्सर आप अन्य शोर को दूर करने के लिए अपने हेडफोन का वाॅल्यूम हाई कर लेते हैं तो यह आपके कान के पर्दों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए बेहतर है वॉइस कैंसलिंग हेडफोन का यूज करें। यह आपको कम वाल्यूम में अच्छा एक्सपीरियंस देता है।
हेडफोन का इस्तेमाल कम करें
हेडफोन का कम इस्तेमाल आपके कानों को पहुंचने वाले नुकसान को कम कर सकता है। यदि आप दिन का ज्यादा समय हेडफोन लगाए बिताते हैं तो इसकी अवधि कम करें।
ज्यादा इस्तेमाल के साइड इफेक्ट्स
दिल की बीमारी का खतरा : एक्सपर्ट के मुताबिक, घंटों तक हेडफोन लगाए रखना और म्यूजिक सुनना कानों के साथ-साथ दिल के लिए भी बिल्कुल अच्छा नहीं है। इससे न केवल दिल की धड़कन तेज हो जाती है, बल्कि दिल को काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
सिर दर्द : हेडफोन या ईयरफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव दिमाग पर बुरा प्रभाव डालती हैं। इसकी वजह से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या पैदा हो जाती है। बहुत से लोग नींद में बाधा, नींद न आना, अनिद्रा या यहां तक कि स्लीप एपनिया से भी पीड़ित हो जाते हैं।
कान में इन्फेक्शन : ईयरफोन सीधे कान में लगाया जाता है, जो एयर पैसेज में बाधा डालता है। ये बाधा बैक्टीरिया के विकास सहित अलग-अलग तरह के कानों के इन्फेक्शन का कारण बन सकती है।
स्ट्रेस और टेंशन में बढ़ोतरी : हेडफोन का लंबे समय तक इस्तेमाल किसी व्यक्ति की सोशल लाइफ और मेंटल हेल्थ की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। कई बार ज्यादा चिंता और तनाव का भी कारण बन सकता है।