ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। डिजिटल दुनिया में बढ़ती धोखाधड़ी और असुरक्षित कर्ज के चलते, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम आदमी की सुरक्षा और भलाई के लिए नए नियम बनाए हैं। ये नियम क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत लोन से जुड़े हैं और इनका मकसद है हमारी आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना और हमें भरोसा दिलाना।
आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों (गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों) के लिए कुछ खास नियम बनाए हैं। अब उन्हें ज्यादा पूंजी रखनी होगी अगर वे लोन देना या क्रेडिट कार्ड जारी करना चाहते हैं। ये इसलिए है ताकि बाजार में पैसे की आवाजाही संभल के हो और बेलगाम वृद्धि न हो। खासकर, जब सितंबर 2023 तक क्रेडिट कार्ड और लोन में भारी बढ़ोतरी हुई है।
साथ ही, आरबीआई ने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए नए कदम उठाए हैं। अब बैंक और एनबीएफसी कंपनियों को ग्राहकों की साफ-साफ मंजूरी लेनी होगी अगर वे कोई नया कार्ड देना चाहते हैं, सुविधा बढ़ाना चाहते हैं या क्रेडिट सीमा में वृद्धि करना चाहते हैं। इसका मकसद है ग्राहकों को अनचाहे वित्तीय उत्पादों से बचाना और उन्हें अपनी वित्तीय जरूरतों का बेहतर निर्णय लेने में मदद करना। बैंक और एनबीएफसी कंपनियों को अब ज्यादा खुलासा करना होगा जिससे ग्राहकों को समझ में आए कि न्यूनतम भुगतान या लोन लेने के फैसले का उनके वित्तीय भविष्य पर क्या असर होगा।
हालांकि ये नियम लागू करने में कुछ मुश्किलें भी हैं। बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों को अपने तरीके बदलने पड़ेंगे और शायद इसमें थोड़ा खर्च भी बढ़ेगा। लेकिन ये सब हमारे आर्थिक बाजार को और मजबूत बनाने के लिए है, जिससे हम सभी की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित हो सके। आरबीआई के इस नए कदम से, हमारे वित्तीय बाजार में और अधिक स्थिरता और सुरक्षा आएगी। ये बदलाव हमें एक ऐसे वातावरण में ले जा रहे हैं जहां हम सभी अपने वित्तीय फैसले ज्यादा सावधानी से ले सकेंगे।