ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। किडनी की बीमारी ने अब मुंबई को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। मुंबई में किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फिलहाल मुंबई में 3,581 पेशेंट किडनी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
ज़ोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर (जेडटीसीसी) से उपलब्ध आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है कि मुंबई के अलग-अलग अस्पतालों में 2,240 पुरुष मरीजों ने किडनी के लिए अपना पंजीयन कराया है, जबकि एक हजार 314 महिलाएं भी किडनी की प्रतीक्षा में हैं। इनके साथ ही 22 बच्चों को भी किडनी की जरूरत है। किडनी से जुड़े विकार को एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है, क्योंकि किडनी से जुड़ी बीमारी के लक्षण काफी देरी से उभर कर सामने आते हैं।
इलाज काफी खर्चीला
केईएम अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर तुकाराम जमाले के मुताबिक काम के चलते लंबे समय तक पेशाब को रोके रखना किडनी विकार की बड़ी वजह मानी जाती है। अलग-अलग कारणों से भी किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। किडनी की बीमारी के प्रति अभी भी लोगों में जागरूकता की कमी है। हालांकि किडनी ट्रांसप्लांट और डायलिसीस काफी खर्चीला है।
कई बार अंगदान के प्रति जागरूकता की कमी के चलते भी मरीज लंबे समय तक डायलिसिस पर रहता है। सरकारी अस्पतालों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत किडनी ट्रांसप्लांट मुफ्त अथवा कम खर्चे में हो जाता है। किडनी शरीर से विषैले घटकों को विसर्जित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 40 साल के बाद नैसर्गिक रूप से किडनी का फंक्शन प्रभावित होता है। महिलाओं को इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने की विशेष जरूरत है।
किडनी विकार के क्या हैं लक्षण
– किडनी विकार से परेशान मरीज को जल्दी थकावट महसूस होती है
– वजन में कमी आना
– भूख कम होना
– रात के समय अधिक पेशाब आना
– समय पर इलाज न मिलने पर तकलीफ बढ़ती जाती है
बीमारी से बचने के उपाय
– स्वस्थ जीवन शैली अपनाना जरूरी
– नियमित व्यायाम और खानपान पर ध्यान देना
किडनी की प्रतीक्षा में मरीज
वयस्क 3,559
बच्चे 22
कुल 3,581
अलग-अलग अस्पतालों में पंजीयन कराने वाले पेशंट
2,240 पुरुष मरीज
1,314 महिला मरीज
(एक मार्च 2024 तक, जेडटीसीसी के आंकड़े)