नई दिल्ली। देश में पांच साल से कम उम्र के अधिकतर बच्चे एनीमिया के शिकार हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक पांच वर्ष से कम आयु के 67 फीसदी बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं। इनमें 59 फीसदी बच्चियां शामिल हैं।
खून में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या हीमोग्लोबिन कम होने से अनीमिया होता है। इससे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है।
इस समस्या ने निपटने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य विभाग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एंड एडवांस्ड रिसर्च ऑन एनीमिया और बाल चिकित्सा और किशोर पोषण (पैन) व अन्य के सहयोग से भारत को 2047 तक एनीमिया मुक्त बनाने के मिशन पर काम किया जाएगा। बैठक में एम्स के निदेशक एम. श्रीनिवास, नीति आयोग के सदस्य विनोद के. पॉल, डॉ चंद्रकांत एस पांडव, डॉ राजीव बहल, डीजी, आईसीएमआर ने इस विषय पर गंभीर मंथन किया।