आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बहुत जल्दी तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने का काम शुरू होने वाला है। यह पूरी तरह से स्वदेशी होगा। यह विक्रांत क्लास का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर होगा। इसे बनने में कम समय लगेगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम तीन पर ही नहीं रुकेंगे। हम पांच-छह कैरियर और बनाएंगे। इससे भारतीय नौसेना की ताकत हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में कई गुना बढ़ जाएगी और चीन की हरकतों पर विराम लगेगा।
भारत में इस समय दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं।
आईएनएस विक्रांत व आईएनएस विक्रमादित्य फिलहाल नौसेना की सेवा में जुटे हैं। पिछले साल जनवरी में संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर की जरूरत बताई थी लेकिन भारत का मकसद है चीन की बराबरी में एयरक्राफ्ट कैरियर खड़े करना ताकि टक्क र दी जा सके।
कैसा होगा तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर
आईएसी-II यानी दूसरे स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन रहेगा। लंबाई 860 फीट, बीम 203 फीट, ऊंचाई 194 फीट और ड्रॉट 28 फीट होगी। इसमें 14 डेक होंगे। इसे चार जनरल इलेक्टि्रक इंजन और दो इलेकॉन कोगैग गीयरबॉक्स से ताकत मिलेगी। प्रोपल्शन के लिए दो शाफ्ट होंगे।
गति और रेंज
यह अधिकतम 56 किमी की रफ्तार से समंदर में चल सकेगा। इसकी रेंज 15 हजार किमी होगी। इस पर एक बार में 196 ऑफिसर और 1449 नौसैनिक एक बार में तैनात हो सकेंगे। बचाव के लिए इस पर कवच एंटी-मिसाइल सिस्टम और मारीच एडवांस्ड टॉरपीडो डिफेंस सिस्टम लगे होंगे।
सबसे शक्तिशाली
इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बराक 8 के 32 सेल होंगे। 4 ओटोब्रेड ड्यूअल परपज गन और 4 एके 630 सीआईडब्लयूएस गन लगी होगी। इस पर राफेल एम, मिग-29के, तेजस फाइटर जेट, टेडबीएफ फाइटर जेट या एएमसीए फाइटर जेट तैनात हो सकते हैं। इसके अलावा कामोव, अपाचे, प्रचंड, एमएच-60आर या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हो सकता है।
भारत के तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर से फायदा
रक्षा एक्सपर्ट मानते हैं कि भारत के तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर का सबसे बड़ा फायदा जापान को होगा। आसपास के समुद्री इलाकों में भी शांति का माहौल बनेगा।
1. भारतीय नौसेना मजबूत होगी तो चीन की पीएलए नेवी को भारत की तरफ ध्यान देना होगा। इससे जापान की तरफ से उसका ध्यान थोड़ा कम हो जाएगा। जापान का स्ट्रैटेजिक प्रेशर कम होगा।
2. जैसे ही भारतीय समुद्री इलाके में भारतीय नौसेना की मजबूती बढ़ेगी,आसपास के इलाकों की सुरक्षा बढ़ेगी। इससे जापान, थाईलैंड, म्यांमार जैसे समुद्र तटीय देशों के आसपास स्थिरता आएगी।
3. एयरक्राफ्ट कैरियर के लॉन्च होते ही भारतीय और जापानी नौसेना ज्यादा नजदीकी से मिलकर युद्धाभ्यास कर सकेंगे। ज्यादा तकनीकी समझौते कर पाएंगे। मैरीटाइम पेट्रोलिंग भी आसान होगी।
4. समुद्री इलाकों में जहां तक जापान नहीं पहुंच पाता, वहां भारतीय नौसेना जा पाएगी। इससे दोनों ही देशों का तनाव कम होगा और समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी।