ब्लिट्ज ब्यूरो
रायबरेली। लोकबंधु राज नारायण ने 1971 के चुनाव के दौरान इंदिरा गांधी को हराने के लिए एक सभा में प्रण किया कि वह उनको हराने तक दाढ़ी-बाल नहीं बनवाएंगे। राजनारायण चुनाव हार गए तो उन्होंने दाड़ी-बाल नहीं बनवाए। इसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को लेकर उच्च न्यायालय में वाद दायर किया, जहां उनको जीत मिली। इसके बाद आपातकाल लग गया। उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
चुनाव के दौरान राजनारायण रायबरेली शहर में बनी चंदापुर राजा की कोठी में ही रहते थे। चंदापुर राजा के बेटे हवेंद्र सिंह ने बताया कि जेल से निकलने के बाद 1977 में दूसरी बार फिर इंदिरा गांधी के सामने नामांकन किया और चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद उनको केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया। मंत्री बनने के बाद वह पहली बार रायबरेली आने वाले थे लेकिन पहले विंध्याचल चले गए। वहां प्रशासन ने उनके दाढ़ी-बाल बनाने के लिए दिल्ली से बार्बर बुलाया था लेकिन उन्होंने कहा कि रायबरेली में जो उनकी हजामत बनाता था, वही बनाएगा।
इसके बाद वहां के जिला प्रशासन ने रायबरेली के डीएम से बात की। तत्कालीन डीएम विनोद मल्होत्रा ने हजामत उल्ला को सरकारी वाहन से विंध्याचल भेजा। तब तक राजनारायण वहीं रुके रहे। विंध्याचल में दाढ़ी-बाल बनवाकर ही वह रायबरेली आए।