ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चुनाव आयोग की लोकसभा चुनाव में मतदान बढ़ाने की कोशिश कुछ राज्यों में कामयाब रही लेकिन कुछ राज्यों में आयोग की कोशिश का असर नहीं दिखा। लिहाजा बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों में पहले चरण की तुलना में दूसरे दौर में मतदान अधिक रहा। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश समेत छह राज्यों में पहले चरण की तुलना में कम हुआ है। कहने को साफ है कि जिन राज्यों में दूसरे चरण में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है, वहां के मतदाताओं में उत्साह दिखा है लेकिन जिन राज्यों में मतदान कम हुआ, वहां के मतदाता जरूर उदासीन रहे। हालांकि दोनों की वजहों में मतदाताओं के मन का आकलन मुश्किल है।
– बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत पांच राज्यों में बढ़ा मतदान
– यूपी, पश्चिम बंगाल, और मप्र समेत छह राज्यों में घटी वोटिंग
गौरतलब है कि पहले चरण में 21 राज्यों की लोकसभा की 102 सीटों के लिए मतदान 19 अप्रैल को हुआ था। मतदान सम्पन्न होने के बाद आयोग ने शुरुआती चरण में बताया कि इन सभी राज्यों में कुल मतदान 63 प्रतिशत दर्ज किया गया है। इसी तरह से दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ है। मतदान सम्पन्न होने के बाद देर शाम चुनाव आयोग ने इन 88 सीटों पर कुल 61 प्रतिशत मतदान होने की शुरुआती जानकारी दी। चुनाव आयोग का ऐसा मानना है कि दोनों ही चरणों में मतदान का प्रतिशत अभी अनुमानित है। लेकिन इसका वास्तविक आंकड़ा कब अपडेट होगा, अभी कोई जानकारी नहीं है। पहले चरण और दूसरे चरण के चुनाव में 11 राज्य है, जहां पर दोनों ही चरणों में कई संसदीय सीटों के लिए मतदान किया गया। इन राज्यों में दोनों चरणों में हुए मतदान प्रतिशत के आंकड़े जरूर चुनाव आयोग के वोटर टर्न आउट एप मौजूद हैं, जिसमें यह पाया गया है बिहार में करीब नौ प्रतिशत, छत्तीसगढ़ करीब आठ प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर चार प्रतिशत, मणिपुर में करीब तीन प्रतिशत और राजस्थान में छत प्रतिशत मतदान बढ़ा है। इसके विपरीत पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण के मतदान में असम में एक प्रतिशत, मध्य प्रदेश में नौ प्रतिशत, महाराष्ट्र में चार प्रतिशत, त्रिपुरा में दो प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में छह प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में छह प्रतिशत मतदान कम हुआ है।