वाराणसी। विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी में तीन दिवसीय जी20 समिट आयोजित हुआ। एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में विश्व के 20 दिग्गज देशों के प्रतिनिधि और अन्य सहयोगी देशों के डेलीगेट्स शामिल हुए। समिट से दो दिन पूर्व ही डेलीगेट्स का आगमन शुरू हो गया था। जी20 बैठक को लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने पूरे शहर को आकर्षक ढंग से सजाया था। काशी की अधिष्ठात्री देवी मां अन्नपूर्णेश्वरी की नगरी से पूरे विश्व को स्वस्थ रखने के लिए पोषण युक्त खाद्य पदार्थ, खाद्य सुरक्षा और जलवायु के अनकुल खेती को बढ़ावा देने का सन्देश दिया गया।
-विश्व की सबसे प्राचीन नगरी में तीन दिन चला जी20 समिट
-एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की मीटिंग में अहम विषयों पर गंभीर चर्चा
-काशी से विश्व को स्वस्थ रखने के लिए गया सन्देश
-योगी सरकार ने सुरक्षा से लेकर सजावट तक सभी काम किए पुख्ता
-मेहमानों ने देखी काशी की धरोहर, लोक कला का लिया आनंद
बदलती काशी का भी दीदार किया मेहमानों ने
वसुधैव कुटुम्बकम ्के ध्येय वाक्य के साथ भारत इस साल जी20 देशों की मेजबानी कर रहा है। वाराणसी में जी20 की कुल 6 बैठकें होंगी। बैठकों का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो कर बुधवार तक चला। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। साथ ही मेहमानों की सुरक्षा से लेकर भी मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया गया। समिट में 34 संगठनों व देशों के करीब 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जी20 की मुख्य बैठक होटल ताज में हुई। इसके उपरांत अतिथियों का काशी भ्रमण हुआ जिसमें मुख्य रूप से भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ देखने के बाद गंगा में नौका विहार हुआ। इसके साथ ही काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में भी जी20 के डेलीगेट्स ने शिरकत की। अतिथियों ने काशी के हस्तशिल्पियों का हुनर भी देखा।
जी20 में शामिल देश
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ।