आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी। अभी देश में 50 से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चल रही हैं। रेलवे के मुताबिक इस साल 31 मार्च तक दो करोड़ से अधिक यात्री इन सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। अप्रैल में भारतीय रेलवे ने अपनी 171वीं वर्षगांठ मनाई। देश में पहली ट्रेन 1853 में मुंबई से ठाणे के बीच चली थी। देश में पहली बुलेट ट्रेन 2026 में चलने की संभावना है। देश का पहला बुलेट ट्रेन कॉरिडोर मुंबई से अहमदाबाद के बीच बन रहा है।
रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 100 रूट्स पर वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों ने पृथ्वी के 310 चक्क र के बराबर दूरी कवर की। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इन ट्रेनों ने देश में रेल यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। यही कारण है कि यह ट्रेन यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है और कई रूट्स पर इसे चलाने की मांग हो रही है। इसकी रफ्तार, आरामदायक सीट, साउंड प्रूफ कोच, वाई-फाई सर्विस, जीपीएस बेस्ड पैसेंजर इन्फॉरमेशन सिस्टम और पैंट्री फैसिलिटीज ने इसे खासकर युवाओं में काफी लोकप्रिय बना दिया है।
स्लीपर वर्जन
अभी वंदे भारत ट्रेनों में केवल बैठने की सुविधा है और इन्हें केवल शताब्दी एक्सप्रेस के रूट पर चलाया जा रहा है। जल्दी ही इसके स्लीपर वर्जन को भी लॉन्च करने की भी योजना है। एक अधिकारी ने कहा कि जल्दी ही वंदे भारत स्लीपर वर्जन पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में बेंगलुरु में एक रेल यूनिट को विजिट किया था और वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन के बॉडी स्ट्रक्चर को अनवील किया गया था।