संजय द्विवेदी
लखनऊ। सतत विकास के लक्ष्यों पर देश और राज्यों की प्रगति को मापने के लिए शुरू किए गए इंडेक्स के चौथे संस्करण में यूपी ने अपने पिछले स्कोर में 7 अंकों का इजाफा किया है। ओवरआल रैंकिंग में भी सुधार हुआ है।
नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2023-24 में उत्तर प्रदेश कुल 67 का स्कोर प्राप्त करके फ्रंटरनर श्रेणी में शामिल हो गया है। इस इंडेक्स के चौथे संस्करण में उत्तर प्रदेश ने अपने पिछले स्कोर में 7 अंकों का इजाफा किया है। उत्तर प्रदेश 2020-21 में परफॉर्मर की श्रेणी में था। यही नहीं, राज्यों की ओवरआल रैंकिंग में भी सुधार करते हुए उत्तर प्रदेश ने 22वें से 18वें स्थान की छलांग लगाई है।
सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के समग्र स्कोर में भी सुधार हुआ है और भारत के समग्र स्कोर 71 से मात्र 4 अंक नीचे है। एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) सूचकांक में यूपी सभी राज्यों में शीर्ष पर है। इस सूचकांक में यूपी को अचीवर स्टेट के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां उसने 100 में 100 का स्कोर किया है। इसके अलावा 6 लक्ष्यों में प्रदेश फ्रंटरनर है।
स्वच्छ जल एवं स्वच्छता के लक्ष्य में उसने 92, असमानता में कमी में 66, सतत शहर और समुदाय में 82, सतत खपत और उत्पादन में 85, जीवन और भूमि में 70 और शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान में 77 का स्कोर हासिल किया है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश 7 गोल में परफॉर्मर और 1 गोल में एस्पिरेंट श्रेणी में शामिल है।
यूपी के सभी घरों में बिजली पहुंचाई गई
उत्तर प्रदेश एसडीजी 7 में जहां सभी राज्यों में शीर्ष पर रहा है तो वहीं तीन सूचकांकों में उसने सबसे तेज वृद्धि की है, जिसमें एसडीजी 10 (असमानता में कमी) में उसने 25 अंकों का, एसडीजी 13 (क्लाइमेट एक्शन) में 13 और एसडीजी 1 (कोई गरीबी नहीं) में 13 अंकों का सुधार किया है।
एसडीजी 7 में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचाने (अप्रैल 2024 तक) और घरों की संख्या के मुकाबले एलपीजी + पीएनजी कनेक्शन देने के लिए प्राप्त किया है।