ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही सात नई परियोजनाओं का निर्माण करेगा। इन परियोजनाओं का व्यास कुल 283 किमी है। 11905 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
फोर-सिक्स लेन का निर्माण सबसे अहम
इन परियोजनाओं में कानपुर रिंग रोड, शाहजहांपुर शाहाबाद बाईपास, मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली तथा मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा फोर-सिक्स लेन का निर्माण सबसे महत्वपूर्ण है। शाहजहांपुर से शाहाबाद बाईपास फोर लेन बनाया जाएगा। इसके पैकेज 2ए टेंडर को मंजूरी मिली है। यह 34.9 किमी लंबा है और परियोजना पर 947.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कानपुर रिंग रोड
ऐसा ही कानपुर रिंग रोड एनएचडीपी फेज-एक का टेंडर है। इसकी लागत 1796 करोड़ रुपये है और लंबाई 24.559 किमी है।
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज रोड को फोर लेन बनाया जाएगा
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज विभाग के पैकेज एक को भी फोर लेन बनाया जाएगा। टेंडर जारी किया जा चुका है। 32.5 किमी की परियोजना पर 1391.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पैकेज दो की लंबाई 38.3 किमी है और मूल्य 1464.19 करोड़ है।
फोर लेन मथुरा, हाथरस, बदायूं और बरेली को जोड़ेगा
मथुरा-हाथरस-बदायूं राजमार्ग मथुरा-हाथरस-बदायूं बरेली फोर लेन राजमार्ग का निर्माण भी मंजूर किया गया है। इस मार्ग की लंबाई 57.1 किमी होगी और इसके पैकेज दो की लागत 2289.52 करोड़ रुपये है।
प्रोजेक्ट तीन में 56.4 किमी लंबी परियोजना पर 2009.11 करोड़ रुपये खर्च होंगे। परियोजना पर कार्य जल्द शुरु होगा।
मुरादाबाद-ठाकुर पैकेज दो
मुरादाबाद-ठाकुर पैकेज-दो का काम भी स्वीकृत कर लिया गया है और टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। एनएच-734 पर चार से छह लेन की सड़क बनेगी।
परियोजना का खर्च 2006.82 करोड़ रुपये होगा और इसकी लंबाई 38.77 किमी होगी। ईपीसी मोड पर दो परियोजनाओं का निर्माण होना है- मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा हाईवे और कानपुर रिंग रोड। टेंडर प्रक्रिया समाप्त होने पर लैटर आफ इंटेट भेजा गया है। एचएएम मोड पर पांच परियोजनाओं का काम होना है: शाहजहांपुर शाहाबाद बाईपास, बरेली- पीलीभीत-सितारगंज फोर लेन, मथुरा-हाथरस-बदायूं बरेली फोर लेन और बिल्ट, आपरेट और ट्रांसफार्मर मॉडल।
हाईब्रिड एन्युटी मोड
हाईब्रिड एन्युटी मोड पर सरकार चालीस प्रतिशत खर्च करेगी, विकासकर्ता बीस प्रतिशत देंगे। विकासकर्ता बिल्ट ऑपरेशन एंड ट्रांसफर पर 60 प्रतिशत खर्च करेगा। विकासकर्ता सड़क बनाएगा, उसे आपरेट करेगा, टोल वसूलेगा और फिर एक तय समय पर इसे प्राधिकरण को सौंपेगा।
कांट्रैक्टर को लैटर ऑफ इंटेट भेजा गया
एनएचएआई यूपी वेस्ट रिजनल आफिसर संजीव शर्मा ने बताया कि इन परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ कांट्रैक्टर को लैटर ऑफ इंटेट भेजा गया है। इन परियोजनाओं की शुरुआत तीन से चार महीने में होगी। सभी परियोजनाओं को दो वर्षों में समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।