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कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति की 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का एक प्रकार से बहिष्कार करने का एलान किया है । पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा कि इस कार्यक्रम को भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस का प्रोग्राम बनाकर इसका राजनीतिकरण कर दिया है, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली है।
राहुल गांधी बोले कि धर्म शुद्ध रूप से एक निजी मामला है और इसलिए उन्हें अपनी शर्त पर इसको दिखाने की जरूरत नहीं है। हालांकि वह ऐसा कहते समय इस बात को भूल गए कि पूर्व में भी वह स्वयं धार्मिक चिन्ह वाले वस्त्र धारण करके अनेक मंदिरों में जा चुके हैं और उसका प्रचार-प्रसार भी सोशल मीडिया पर कर चुके हैं। रोचक बात यह है कि जो कांग्रेस बार-बार यह कहती है कि वह धर्म का प्रयोग राजनीति में नहीं करती जबकि 1948 में फैजाबाद में हुए उपचुनाव में उसने स्वयं राम के नाम का सहारा लेकर चुनाव जीता था किंतु आज वह स्वयं एक वर्ग विशेष की राजनीति से परहेज करती नहीं दिख रही। दूसरी तरफ वह भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप मढ़ती है और कहती है कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।