गाजियाबाद। दिल्ली से लोनी, सोनीपत, सहारनपुर और देहरादून जाने वाले लोगों को इसी माह से राहत मिलने वाली है, क्योंकि 30 जुलाई से पहले दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे (डीडीई) को खोलने की तैयारी चल रही है। पहले चरण के 32 किमी के दो स्ट्रेच अक्षरधाम से लेकर बागपत के खेकड़ा तक तैयार हो चुके हैं। यहां नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने भरे हुए ट्रक को खड़ा कर लोड टेस्ट शुरू कर दिया है। लोड टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद इस एक्सप्रेसवे को खोला जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के खुल जाने से दिल्ली से गाजियाबाद होते तत्काल बागपत तक जाने में सुविधा मिल जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून पहुंचना भी काफी आसान होने वाला है।
अक्षरधाम से विकास मार्ग, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट लिंक रोड और सिग्नेचर ब्रिज के रास्ते सीधे एक्सप्रेसवे पर आना जाना लोग कर सकेंगे। इससे प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख वाहनों का दबाव कम होगा। एनएचएआई के अधिकारियों की मानें तो अभी केवल पहले चरण के दो स्ट्रेच को ही खोला जाएगा, लेकिन नवंबर से दिसंबर के बीच में देहरादून तक इसे बनाकर तैयार कर दिया जाएगा। दिल्ली से देहरादून का सफर ढाई घंटे के भीतर तय हो जाएगा।
जितना सफर, उतना देना होगा टोल
एनएचएआई ने इस पर क्लोज टोलिंग सिस्टम का अप्रूवल दिया है। इसमें वाहन जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल देना पड़ेगा, जबकि ओपन टोलिंग में एक तरफ से एंट्री करने के बाद पूरे स्ट्रेच का टोल देना पड़ता था। इस सिस्टम से पब्लिक को बहुत अधिक राहत मिलेगी। यदि किसी का फास्टैग ब्लैकलिस्ट है तो उसे पूरे एक्सप्रेसवे का टोल देना पड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई दिल्ली से चलता और बागपत में उतर जाता है, लेकिन उसका फास्टैग ब्लैक लिस्ट है तो उसे देहरादून तक का टोल देना पड़ेगा। वाहन चालक को अलर्ट करने के लिए एनएचएआई इसके लिए हर एंट्री पॉइंट पर बोर्ड भी लगाएगा, ताकि चालक इस नियम के बारे में अलर्ट हो सके।
टोल फ्री होगा लोनी बॉर्डर तक सफर
वाहन चालकों के लिए अच्छी बात यह है कि यदि वह अक्षरधाम से चलकर लोनी बॉर्डर पर आकर उतर जाते हैं तो उन्हें कोई टोल टैक्स नहीं देना होगा। जैसे अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सफर करने पर डासना तक आने पर कोई टोल नहीं देना पड़ता है। अधिकारी बताते हैं कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में टोल नहीं लिया जाता है।
बढ़ सकता है टोल का रेट
अधिकारियों की मानें तो टोल की दरों को अभी तय नहीं किया गया। इस एक्सप्रेसवे का 90 फीसदी हिस्सा एलिवेटेड है, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट की लागत काफी बढ़ गई है। आमतौर पर एनएचएआई 2 रुपये 75 पैसे के हिसाब से टोल की वसूली करता है, लेकिन प्रोजेक्ट की लागत अधिक होने से टोल की दरें भी कुछ ज्यादा हो सकती हैं। इस एक्सप्रेसवे पर 2 टोल लगाए जाएंगे। एक टोल लोनी में बनकर तैयार है, जबकि दूसरा टोल प्लाजा देहरादून में बनाया जाएगा।