ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर बेहद सख्त मानी जाती है। भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में योगी सरकार की कानून व्यवस्था की मिसाल देती है। अब इस व्यवस्था को और दुरुस्त और सख्त करने के लिए सरकार ने जिला प्रशासन और जिला पुलिस के पेंच कसे हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने एक पत्र लिखा है।
प्रमुख सचिव ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे अपने जिले के टॉप-10 अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द दोषसिद्धि कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई करें जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था और भी मजबूत हो सके।
पत्र सभी जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नरों और पुलिस कप्तानों को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश सरकार अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस नीति के तहत काम कर रही है। इसके साथ ही हर जिले के टॉप-10 अपराधियों को उनके अपराध में सजा दिलाना भी एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
कितने टॉप-10 को दिलाई सजा
प्रमुख सचिव ने पत्र में लिखा कि 25-03-2022 से 31-10-2023 तक जनपद सिद्धार्थनगर में सात, मेरठ में छह, कौशाम्बी में छह, उन्नाव में चार, राय बरेली चार, अयोध्या में चार, प्रयागराज में तीन, हापुड़ में तीन, देवरिया में चार, लखनऊ में तीन, बलरामपुर, दो, कन्नौज में दो, इटावा में दो, गौतमबुद्ध नगर में दो, फतेहपुर में दो, मुरादाबाद में दो, जालौन में दो, अमेठी में दो अपराधियों की सजा कराई गई। इसके अलावा कुशीनगर, अम्बेडकरनगर, महाराजगंज, सीतापुर, बिजनौर, बदायूं, कुशीनगर, जौनपुर, बस्ती और एटा जिला में 1-1 अपराधी को सजा कराई गई।
46 जनपदों में नहीं दिखाई गई रुचि
शेष 46 जनपदों द्वारा टॉप-10 अपराधियों को दोषसिद्धि कराने में रूचि नहीं ली जा रही है। वहां स्थिति संतोषजनक नहीं है।