ब्लिट्ज ब्यूरो
काबुल। अफगानिस्तान ने दो मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ पिछले दिनों काबुल में त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की। बैठक में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री सेरिक झुमंगारिन, तुर्कमेनिस्तान के परिवहन और संचार एजेंसी के महानिदेश कमम्मेतखान चाकयेव और अफगान वाणिज्य और उद्योग मंत्री नूरुद्दीन अजीजी ने हिस्सा लिया। इस बैठक का मुख्य मुद्दा भारत के साथ व्यापार के लिए एक नए परिवहन गलियारे पर चर्चा करना था। बैठक में तुर्कमेनिस्तान और कजाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान में पारगमन और परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।
ट्रैफिक फ्लो की गणना और पुनर्संरचना पर जोर
बैठक में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री सेरिक झुमंगारिन ने आगामी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इनिशिएटिव पर प्रकाश डालते हुए ट्रैफिक फ्लो की गणना और पुनर्संरचना की आवश्यकता पर जोर दिया। तीन पक्षों का विचार भारत से जुड़ने का भी है। ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए ये संभव हो सकता है। उन्होंने कहा, यह सब तुर्कमेनिस्तान के बुनियादी ढांचे और बेइनु-अक्टौ-बोलाशाक में हमारे बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करेगा।
आईएनएसटीसी से जुड़ेंगे तीनों देश
तीनों पक्षों ने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) की पूर्वी शाखा ने रूस और बेलारूस से कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के माध्यम से अफगानिस्तान, भारत और पश्चिम एशिया तक माल परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बनने के लिए नई प्रेरणा प्राप्त की है। बातचीत के बाद वे आपस में पहले से सहमत समझौतों को लागू करने के लिए एक कार्य समूह स्थापित करने पर सहमत हुए। कजाकिस्तान-तुर्कमेनिस्तान मार्ग आईएनएसटीसी की शाखाओं में से एक है।
पाकिस्तान की जरूरत ही नहीं
अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को भारत के साथ जमीनी मार्ग से व्यापार करने के लिए पहले पाकिस्तान की जरूरत थी लेकिन, अब ईरान के चाबहार बंदरगाह वाला रास्ता खुलने से मध्य एशियाई देशों को पाकिस्तान की कोई जरूरत नहीं होगी।