प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी माह 21 से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। वहां वह 22 जून को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को दूसरी बार संबोधित करेंगे। पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन जाएंगे। इस तरह अमेरिका में इस बार नया इतिहास रचा जाने वाला है। इसके पूर्व जून 2016 में पीएम मोदी ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था। संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए मिले निमंत्रण पर पीएम मोदी ने आभार जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं इस निमंत्रण को स्वीकार कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
राष्ट्रपति जो बाइडन प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा पर उनकी मेजबानी करेंगे जिसमें 22 जून को एक राजकीय रात्रिभोज भी शामिल है। प्रसिद्ध अमेरिकी इतिहासकार व डेविड एम रुबेनस्टीन नेशनल सेंटर फॉर व्हाइट हाउस हिस्ट्री के उपाध्यक्ष और अंतरिम निदेशक मैथ्यू कॉस्टेलो के अनुसार अमेरिका की राजकीय यात्रा का सम्मान बेहद करीबी दोस्तों और सहयोगियों को दिया जाता है और इसके तहत व्हाइट हाउस द्वारा छह महीने पहले से ही सावधानीपूर्वक तैयारी शुरू कर दी जाती है। यात्रा क्यों खास है, यह मैथ्यू के इस कथन से समझा जा सकता है।
अमेरिका की राजकीय यात्रा का सम्मान बेहद करीबी दोस्तों और सहयोगियों को दिया जाता है।
राजकीय यात्रा के दिन व्हाइट हाउस में एक राजकीय आगमन समारोह भी आयोजित किया जाता है जो आमतौर पर दक्षिण लॉन में होता है। इस दौरान राष्ट्रपति और अतिथि राष्ट्राध्यक्ष विचार-विमर्श करते हैं। अपने-अपने देशों का राष्ट्रगान भी सुनते हैं और फिर वार्ता के लिए व्हाइट हाउस चले जाते हैं। इसके बाद रात्रिभोज आयोजित किया जाता है और फिर वे राष्ट्रपति के आधिकारिक गेस्ट हाउस ‘ब्लेयर हाउस’ में राष्ट्रपति एवं प्रथम महिला के मेहमान के रूप में विश्राम करते हैं। यात्रा के इस विवरण से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी की यह यात्रा अमेरिका और भारत के हितों के संदर्भ में कितनी खास होने वाली है।
यहां यह उल्लेख करना भी समीचीन होगा कि अभी हाल ही में जापान में क्वाड की बैठक के दौरान मोदी की इस यात्रा को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीस ने पीएम मोदी से कहा था कि उनकी यात्रा के कार्यक्रम ने उनके सामने अनोखी चुनौती खड़ी कर दी है। हर कोई प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के कार्यक्रम में शामिल होना चाहता है और प्रमुख नागरिकों के अनुरोधों की बाढ़ सी आ गई है। वाशिंगटन में आयोजित होने वाले रात्रिभोज में पूरे देश से हर कोई आना चाहता है।
बाइडन ने तब यह भी कहा था कि उनके पास इस कार्यक्रम के टिकट खत्म हो गए हैं पर मुझे लगातार फोन मिल रहे हैं। ऐसे लोगों के कॉल आ रहे हैं जिनके बारे में मैंने पहले कभी नहीं सुना। फिल्मी सितारों से लेकर रिश्तेदारों तक हर कोई आपके इस कार्यक्रम में आना चाहता है। यह तथ्य भी इस यात्रा की अहमियत सिद्ध कर रहा है। ऐसा ही कुछ ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज ने भी कहा था कि सिडनी में सामुदायिक स्वागत के लिए आयोजन स्थल पर आने के लिए लोगों के अनुरोध को पूरा करने में वे समर्थ नहीं थे क्योंकि आयोजन स्थल पर क्षमता से अधिक लोग आना चाहते थे।
इसमें भी कोई दो राय नहीं कि लगभग एक दशक पहले नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से अमेरिका-भारत संबंध तेजी से बढ़े हैं। अमेरिका के साथ भारत के सुरक्षा और आर्थिक संबंधों में भी स्पष्ट रूप से इजाफा हुआ है। साथ ही व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को सीमित करने वाले साझा हितों का मुद्दा भी अब और अहम हो गया है। इस यात्रा के दौरान आतंकवाद व सुरक्षा सहयोग जैसी चिंताओं से निपटने के उपायों को और व्यापक किए जाने की भी उम्मीद व्यक्त की जा रही है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी भारत के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने, विशेष रूप से सैन्य सह-विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित समझौतों के लिए जमीनी कार्य करने के तरीकों का पता लगाने के लिए कार्य किए जाने पर बल दे चुके हैं। इसी सिलसिले में वह भारत की दो दिवसीय यात्रा पर भी आए थे। अमेरिकी रक्षा मंत्री का मानना है कि अमेरिका और भारत की साझेदारी स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक आधारशिला है। इसके गहरे संबंधों ने दिखाया है कि कैसे दो महान शक्तियों के बीच तकनीकी नवाचार और सैन्य सहयोग वैश्विक भलाई का कारण बन सकता है।
यह भी माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच चर्चा एक स्वतंत्र व खुले एवं समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करने पर केंद्रित होगी। व्हाइट हाउस का कहना है कि दोनों नेता रक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के ताजा दृढ़ संकल्प पर भी विशेष रूप से जोर देंगे। इस संबंध में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन ज्यां पियरे ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन दोनों देशों को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान उनके द्वारा भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को भी संबोधित करने का प्रोग्राम है। भारतीय समुदाय के नेता डॉ भारत बरई के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 23 जून को देशभर के प्रवासी नेताओं की सभा को प्रतिष्ठित ‘रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग एंड इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर’ में संबोधित करेंगे। अमेरिका के प्रभावशाली सिख नेता जस्सी सिंह का कहना है कि पीएम मोदी की अमेरिकी राजकीय यात्रा भारत के लिए ‘ऐतिहासिक क्षण’ है और उनका मानना है कि पीएम मोदी ने अब तक जो वादे किए, उन्हें पूरा किया है।