ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नीति आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में बहुआयामी गरीबी सूचकांक का निर्धारण स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर से जुड़े 12 मानकों को ध्यान में रखकर किया है। इन मानकों या पैमाने में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य से जुड़े संकेतकों को शामिल किया गया है। इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, रसोई गैस, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास, परिसंपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं। नीति आयोग का कहना है कि देश में इन सभी मानकों पर इस अवधि के दौरान उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
प्रमुख राज्यों में गरीबी | कम होने के आंकड़े |
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उत्तर प्रदेश | 3.43 करोड़ |
बिहार | 2.25 करोड़ |
मध्य प्रदेश | 1.36 करोड़ |
झारखंड | 50 लाख |
हरियाणा | 14 लाख |
उत्तराखंड | 9 लाख |
दिल्ली | 2.1 लाख |