ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। 2024 में सुप्रीम कोर्ट में 11 ऐसे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई और फैसला होना है, जो देश की दशा-दिशा को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। आइए जानते हैं ये 11 मामले।
1- इलेक्टोरल बांड योजना
राजनीतिक दलों को चंदा देने की इलेक्टोरल बांड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस तरह दान लेने में पारदर्शिता न होने के आधार पर इसे रद्द करने की मांग की गई है।
2- ईडी की शक्तियां
27 जुलाई 2022 को दी गई ईडी की शक्तियों से संबंधित फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2024 में निर्णय देगा। 27 जुलाई 2022 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडी को मनी लॉन्डि्रंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी, संपत्ति जब्त करने के साथ तलाशी लेने का भी अधिकार है।
3- दिल्ली सरकार के अधिकार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र ने नया कानून संसद से पास करा लिया। दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार केंद्र के पास रहेगा। दिल्ली सरकार की चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट नए साल में सुनवाई करेगा।
4- राजनीतिक दलों के मुफ्त के वादे (फ्रीबीज)
राजनीतिक दलों के मुफ्त उपहार देने के खिलाफ वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट 2024 में सुनवाई करेगा।
5- अविवाहित युवती को सरोगेसी का अधिकार
एक याचिका में अविवाहित युवतियों को सरोगेसी का हक देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट जज बीवी नागरत्ना की पीठ ने इस मामले पर केंद्र से जवाब मांगा था। इस याचिका पर 2024 में सुनवाई की जाएगी।
6- सीएए की धारा 60 की संवैधानिकता
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने 12 दिसंबर 2023 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सोएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 17 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट इस पर नए साल में फैसला सुनाएगा।
7- ज्ञानवापी विवाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर को ज्ञानवापी परिसर के स्वामित्व से जुड़े मुद्दे पर मंदिर पक्ष के मामले को निचली अदालत में सुनवाई के लिए हरी झंडी देते हुए मस्जिद पक्ष की पांच याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इस मामले में मंदिर पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई संभव।
8- प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं के माध्यम से इस एक्ट को रद्द करने की मांग की गई है। यह एक्ट 15 अगस्त 1947 से पहले के धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बरकरार रखने की बात कहता है। नए साल में सुनवाई संभव है।
9- दागी नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में आरोपी सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई में 9 नवंबर 2023 को फैसला सुनाते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर बाद में विचार करेगा। इस पर सुनवाई संभव।
10- महिलाओं की धार्मिक स्वतंत्रता
सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ महिलाओं की धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर 2024 में सुनवाई कर सकती है। इसमें सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति के फैसले का परीक्षण, दाऊदी बोहरा समुदाय की महिलाओं में खतना प्रथा, मस्जिदों में महिलाओं को नमाज पढ़ने का अधिकार, पारसी महिलाओं को संपत्ति अधिकार जैसे मामले शामिल हैं।
11- राज्यपाल की शक्तियां
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई अन्य राज्यों में राज्यपाल द्वारा लंबे समय तक विधानसभा द्वारा पास किए गए बिलों को लटकाकर रखने के मामलों में राज्य सरकारों ने याचिकाएं दायर कर रखी हैं। इन मामलों में राज्यपाल की शक्तियों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। जनवरी में सुनवाई की जानी है।