ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में बहुत जल्द दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनने वाला है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अनुसार इसका नाम होगा ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’। इसे देश की राजधानी दिल्ली के नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में बनाया जाएगा। अगर इस संग्रहालय की खासियत के बारे में बात करें तो इसमें आठ विषयगत खंड होंगे जो भारत का 5 हजार साल पुराना इतिहास बताएंगे। यह संग्रहालय 1.17 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा जिसमें एक भूमिगत तल और तीन मंजिलों पर 950 कमरे होंगे | आपको बता दें कि फ्रांस की सरकार दिल्ली में बनने वाले नए राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए भारत के साथ साझेदारी करेगी |
पीएम मोदी ने पिछले साल किया था राष्ट्र को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 26 जुलाई को दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र परिसर राष्ट्र को समर्पित किया था। इसी दौरान युगे-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय की घोषणा की थी।
-‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ होगा नाम
– दिखेगी भारत की प्राचीन टाउन प्लानिंग, मेडिकल नालेज व अन्य विशेषताएं
नेशनल म्यूजियम की कलाकृतियों को रखा जाएगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनपथ स्थित नेशनल म्यूजियम की कलाकृतियों और अन्य संग्रह को अब इसी म्यूजियम में रखा जाएगा।
पीएम ने किया था वर्चुअल वॉक थ्रू लॉन्च
पीएम मोदी ने पिछले साल 18 मई को प्रगति मैदान में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो के मौके पर इस म्यूजियम का वर्चुअल वॉक थ्रू लॉन्च किया था जहां डिजिटल माध्यम से प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद गैलरी और उद्यान कैसे दिखेंगे, इसकी झलक दिखाई गई थी ।
युगे युगीन संग्रहालय में भारत की प्राचीन नगर नियोजन प्रणाली यानी टाउन प्लानिंग सिस्टम, वेद, उपनिषद, प्राचीन चिकित्सा ज्ञान यानी एन्शियंट मेडिकल नॉलेज), मौर्य से गुप्त साम्राज्य, विजयनगर साम्राज्य, मुगल साम्राज्य, औपनिवेशिक शासन जब डच, ब्रिटिश, पुर्तगाली और अन्य लोग भारत आए थे और कई अन्य राजवंशों के शासन का जिक्र किया गया था। फ्रांस के अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम के दौरे के बाद भारत में फ्रांस के दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि फ्रांस नयी दिल्ली में बनने वाले नए राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए भारत के साथ साझेदारी करेगा। फ्रांस के दूतावास ने बैठक की तस्वीरें भी साझा की थीं।
– आठ विषयगत खंड होंगे
– भारत का 5 हजार साल का इतिहास बताया जाएगा
– 1.17 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा संग्रहालय
– एक भूमिगत तल और तीन मंजिलों पर बनेंगे 950 कमरे



















