ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अदन की खाड़ी और अरब सागर में हमलों के शिकार व्यापारिक जहाजों को भारतीय नौसेना से समय पर मिल रही मदद के लिए दुनिया भारत को सराह रही है। कई रक्षा विशेषज्ञ और विद्वानों ने इसके लिए भारत को ‘सुपर पावर’ बताया, वहीं मदद के लिए चीन की ओर देखना बंद करने की भी सिफारिश की है।
नौसेना के आईएनएस विशाखापट्टनम ने खाड़ी में हूती आतंकियों के ड्रोन हमले के शिकार व्यापारिक जहाज मार्लिन लुआंडा में लगी आग बुझा दी है। इस नए मिशन की सफलता के बाद यूरोप के अध्ययनकर्ता व इतिहासकार मार्टिन सौरबेरी ने लिखा, ‘अब चीजें भारत ने अपने हाथ में ले ली हैं। महाशक्ति का उदय हो रहा है, हमें चीन की तरफ मदद की अपेक्षा से देखना बंद कर देना चाहिए। रक्षा विश्लेषक डेमियन सिमन ने भी मिशन में भारत के योगदान का विश्लेषण किया है।
चीन कुछ नहीं कर पा रहा : ब्रिटिश पत्रकार मार्क अरबन ने लिखा, ‘उभरती हुई महाशक्तियों में यह देखना शानदार है कि भारत कैसे अदन की खाड़ी और लाल सागर में संकट के समय उभर कर आया है। चीन ऐसा कुछ नहीं कर पा रहा।
-14 दिसंबर 2023 को मध्य अरब सागर में व्यापारिक जहाज रुइन पर समुद्री लुटेरों के हमले से निपटने में भारत ने मदद की।
– 23 दिसंबर 2023 को अरब सागर में ही ओमान के निकट केम प्लूटो पर ड्रोन हमला हुआ, वहां भी भारत मदद को आया।
-4 जनवरी को व्यापारिक जहाज लीला को हाईजैक होने से रोकने के लिए मदद पहुंचाई।
-17 जनवरी को अदन की खाड़ी में अमेरिकी जहाज जेन्को पर हूती आतंकियों के ड्रोन हमले के बाद भारत ने क्रू सदस्यों को बचाया।
– 26 जनवरी को व्यापारिक जहाज लुआंडा पर भी अदन की खाड़ी में हुए हमले के समय भी बचाव के लिए भारत ने तुरंत एक्शन लिया।