ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। दो साल पहले बीएमसी ने बाढ़ की स्थिति से बचने के लिए मीठी नदी पर 28 फ्लड गेट बनाने का निर्णय लिया था। इसके जरिए नदी के पानी को जगह-जगह से खोल कर बाढ़ जैसी स्थिति से बचाव होगा।
बीएमसी प्रशासन ने अब इसका टेंडर जारी किया है। इस प्रोजेक्ट पर 2000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि टेंडर भरने की आखिरी तिथि 30 अप्रैल है। बारिश के बाद अक्टूबर से इसका काम शुरू होने की उम्मीद है।
मीठी नदी के विकास का तीसरे चरण क्या?
मीठी नदी के विकास के तीसरे चरण में फ्लड गेट, सुरक्षा दीवार के कार्य किए जाने हैं। फ्लड गेट लगने से कुर्ला, जरी-मरी, सफेद पुल, बीकेसी, धारावी और एयरपोर्ट एरिया में बाढ़ जैसी स्थिति से राहत मिलेगी। बता
दें कि मुंबईकरों को बाढ़ से बचाने के लिए मीठी नदी का विकास कार्य चार चरणों में किया जा रहा है।
पहले चरण में क्या हुआ?
मीठी नदी के पहले चरण में पवई में फिल्टरपाडा से डब्ल्यूएसपी कंपाउंड तक 133 करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं। दूसरे चरण में पवई में डब्ल्यूएसपी परिसर से कुर्ला में सीएसएमटी रोड तक, कुल 570 करोड़ रुपये की लागत से रिटेनिंग वॉल, सीवरेज चैनल सहित कार्य भी चल रहे हैं। तीसरे चरण में सीएसएमटी रोड कुर्ला से माहिम कॉजवे के बीच रिटेनिंग वॉल, सर्विस रोड, फ्लड गेट पंप, सौंदर्यीकरण, सीवरेज चैनल का निर्माण जारी है।
बीएमसी करीब 604 करोड़ रुपये खर्च करेगी
चौथे चरण के तहत कुर्ला में मीठी नदी में गिरने वाले दो नालों के गंदे पानी को 6.5 किमी अंडर ग्राउंड टनल बनाकर धारावी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाएगा। इस टनल के जरिए 168 एमएलडी सीवरेज के पानी को धारावी ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा सकेगा। यह टनल 2.6 मीटर व्यास की होगी। इस पर बीएमसी क़रीब 604 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मीठी नदी से कचरा निकालने और अन्य कार्यों पर 1650 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं।
26 जुलाई, 2005 को मुंबई में मीठी नदी में बाढ़ आ गई थी, तब केंद्र सरकार ने इसके विकास और सुरक्षा के लिए सहायता की घोषणा की थी। एमएमआरडीए ने मीठी नदी के विकास में केंद्र से मांगे गए 417.51 करोड़ रुपये ख़र्च करने का दावा किया है। जबकि, बीएमसी 1239 करोड़ रुपये ख़र्च कर चुकी है।