ब्लिट्ज ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा शहर की दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को अब पंख लग जाएंगे। इन दोनों परियोजनाओं के लिए जमीन की अड़चन खत्म हो गई है। दोनों परियोजनाओं के लिए चार गांवों की 44 हेक्टेयर जमीन पर बनी इमारतों की कीमत अदा करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तैयार हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित 130वीं बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इन दोनों परियोजनाओं से दादरी और आसपास के इलाके में विकास रफ्तार पकड़ेगा। रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और निवेश बढ़ेगा।
– अड़चनें खत्म, ग्रेनो की दो बड़ी परियोजनाओं को लगेंगे पंख
-14 गांवों के किसान जमीन देने को राजी
बोर्ड बैठक में मंजूरी मिली
ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी इन दोनों प्रोजेक्ट को गति देने के लिए प्रयास कर रही थीं। किसानों से वह लगातार बातचीत कर रही थीं। विगत दिवस बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण, नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली और आनंद वर्धन समेत अन्य सदस्य शामिल हुए।
14 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन की दरकार
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि मल्टी मॉडल लॉजिस्टक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए 14 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन की दरकार है, जिसमें से 83 हेक्टेयर जमीन को छोड़कर शेष जमीन अथॉरिटी के पास है। यह 83 हेक्टेयर जमीन चिटेहरा, कठहेड़ा, बोड़ाकी और पल्ला गांव की है। हाल ही में इस 83 में से 39 हेक्टेयर जमीन और प्राप्त हो गई है। शेष 44 हेक्टेयर जमीन में किसानों की परिसंपत्तियां हैं।
किसान इन परिसंपत्तियों की कीमत मांग रहे हैं, जिसकी वजह से से जमीन नहीं मिल पा रही थी। सीईओ ने आगे कहा कि इस अड़चन के कारण दोनों अहम परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ पा रहीं थीं।
66.76 करोड़ रुपये का खर्च आएगा
रितु माहेश्वरी की पहल पर ये प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया। बोर्ड ने इस पर अनुमति दे दी है। इन चार गांवों की 44 हेक्टेयर जमीन में स्थित परिसंपत्तियों की कीमत का आकलन किया गया जिससे लगभग 66.76 करोड़ रुपये का खर्च प्राधिकरण पर आएगा। आपको बता दें कि किसानों की परिसंपत्तियों के भुगतान पर अब तक निर्णय नहीं हो पाने के कारण इन दोनों परियोजनाओं के लिए जमीन नहीं मिल पा रही थी। लंबे समय से यह मसला अटका हुआ था। अब यह मसला सुलझ गया है और दोनों परियोजनाएं रफ्तार पकड़ लेंगी। किसानों के लिए भी बड़ी उपलब्धि है।
क्या है मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब
ड़ाकी के पास प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए जुनपत और बोड़ाकी गांवों की जमीन चाहिए। इस परियोजना के तहत रेलवे, बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी एकसाथ विकसित की जाएगी।
बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल बनाया जाएगा। इसे रेलवे ने मंजूरी दे दी है। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा। ट्रांसपोर्ट हब में अंतर्राज्यीय बस अड्डा बनेगा। मौजूदा नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट का विस्तार मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है। ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया जाएगा।