गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर देश की जनता से अपील की कि सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ छिड़ी मुहिम में सभी का एकजुट होना बहुत जरूरी है। गरीब और विकासशील देश कुछ विकसित देशों की ‘गलत नीतियों’ की कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि भारत ऐसे सभी उन्नत और बड़े देशों के साथ जलवायु न्याय के मुद्दे को मजबूती से उठाता रहा है।
सभी देश निजी हितों से ऊपर उठें
विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम में अपने वीडियो संदेश में मोदी ने कहा, विश्व जलवायु की सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश निजी हितों से ऊपर उठकर सोचें।
विरोधाभासी मॉडल
उन्होंने कहा, लंबे समय से बड़े और उन्नत देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी था। इस विकास मॉडल में सोच यह थी कि हम पहले अपने देश का विकास करें, फिर पर्यावरण के बारे में सोचा जाए। उन्होंने कहा, इससे उन्होंने विकास के लक्ष्य तो हासिल कर लिए लेकिन दुनिया के पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
कोई आपत्ति करने वाला नहीं था
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक विकसित देशों के इस रवैये पर आपत्ति करने वाला कोई नहीं था। मुझे खुशी है कि भारत ने इन सभी देशों के समक्ष जलवायु न्याय का सवाल उठाया है। भारत अपने विकास के लिए किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह बड़े पैमाने पर पर्यावरण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
ईंधन जरूरतों का ध्यान
एक तरफ हमने गरीबों को मदद मुहैया कराई और दूसरी तरफ भविष्य की ईंधन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भी बड़े कदम उठाए हैं। अगर भारत ने अपने 4जी और 5जी दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार किया है तो उसने अपने वन क्षेत्र को भी समान स्तर पर बढ़ाया है।
भारत पांच साल से सक्रिय
इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का विषय एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (सिंगल-यूज प्लासटिक) से छुटकारा पाना है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में दुनिया आज बात कर रही है लेकिन भारत पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा, 2018 में भारत ने सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए दो स्तरों पर काम करना शुरू कर दिया था।
प्रसंस्करण अनिवार्य बनाया
एक तरफ हमने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और दूसरी तरफ हमने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण को अनिवार्य बना दिया। मोदी ने कहा, पिछले नौ साल में भारत ने ‘हरित और स्वच्छ ऊर्जा’ पर काफी ध्यान केंद्रित किया है। सभी को सिंगल-यूज प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम में जुड़ना चाहिए ताकि धरती को प्रदूषण मुक्त किया जा सके।
1973 से मना रहे पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के नेतृत्व में 1973 से प्रतिवर्ष 5 जून को आयोजित किया जाता है। यूएनईपी पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने वाला सबसे बड़ा वैश्विक मंच है।
वेटलैंड और मैंग्रोव संरक्षण योजनाएं कीं शुरू
विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने वेटलैंड (अमृत धरोहर योजना) और मैंग्रोव संरक्षण योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत की आर्द्रभूमि और मैंग्रोव को पुनर्जीवित और संरक्षित करना है, जो हरित भविष्य और हरित अर्थव्यवस्था के अभियान में योगदान देता है।
अमृत धरोहर योजना
अमृत धरोहर योजना देशभर में मौजूदा रामसर स्थलों के संरक्षण पर केंद्रित है। रामसर स्थल आर्द्रभूमियों पर रामसर कन्वेंशन के तहत नामित अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि हैं।