आज के भारत को विकसित भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। उनका मानना है कि पिछले दस वर्षों में केंद्र सरकार ने जो कुछ हासिल किया है, वह एक पड़ाव मात्र है। विकसित भारत के संकल्प को हासिल करने के लिए देश को लंबी छलांग लगानी होगी, तभी हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे; इसमें कोई दो राय नहीं है। इसके लिए हर भारतीय के जीवन को बदलने व बहुत कुछ हासिल करने के लिए आने वाले समय में बहुत से निर्णय लिए जाने अभी बाकी हैं। इसके लिए देश में एक सशक्त सरकार का होना अत्यंत जरूरी है जो स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में सशक्त हो। अत: शीघ्र ही होने वाले लोकसभा के आम चुनावों में देश के मतदाताओं को भी बहुत सोच समझ कर अगली सरकार के लिए वोट करना होगा ताकि वे केंद्र में ऐसी सरकार बना सकें जो उनके भविष्य को सुरक्षित कर सके। इसके लिए सरकार ऐसी होनी चाहिए जो स्वयं सशक्त हो और जिसे कोई भी फैसला लेने से पहले अपने अन्य साथी दलों की मंजूरी के लिए मुंह न ताकना पड़े। हमारे सामने अनेक ऐसी गठबंधन सरकारों के दृष्टांत मौजूद हैं जो देशहित के अनेक ऐसे काम सिर्फ इसलिए नहीं कर पाईं ं क्योंकि उन सरकारों में अनेक दल थे और सब अपने-अपने हितों को बचाने में लगे रहते थे। अत: आगामी चुनावों में मतदाताओं के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वे देश को एक ऐसी सशक्त और स्थिर सरकार दें जो भारत को विकसित देश बनाने के लिए स्वतंत्र रूप से फैसले ले सके।
वर्तमान में अब देश में चुनाव का माहौल जोर पकड़ता जा रहा है। एकतरफ जहां पीएम मोदी जैसा सशक्त प्रधानमंत्री देश के पास है तो दूसरी ओर कभी जुड़ता, तो कभी टूटता विपक्ष है। अपनी सरकार की योजनाओं व उपलब्धियों के प्रति पीएम मोदी तो आश्वस्त नजर आते हैं किंतु विपक्ष के पास कोई ऐसा ठोस कार्यक्रम नजर नहीं आता। पीएम मोदी ने अभी हाल ही में हुए भारतीय जनता पार्टी के अधिवेशन में अपनी उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि इन्हें आम जनता तक पहुंचा कर उनका भरोसा जीतें एवं इस बार 370 से ज्यादा सीटें हासिल करें। पीएम मोदी ने विपक्ष को कन्फ्यूज बताया व कहा कि देश को ऐसे विपक्ष से बचाने के लिए पार्टी कार्यकताओं को जुटना होगा। देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया में ग्यारहवें से पांचवें नंबर पर लाने के बाद जल्द ही इसे तीसरी पायदान पर लाने की भी पीएम मोदी ने गारंटी दी। विकसित भारत का सपना देखने व 2047 तक इसे पूरा करने के लिए काम करने का वादा करते हुए उन्होंने भाजपा के साथ एनडीए का नाम भी जोड़ा। मोदी ने खुद को पहला प्रधानमंत्री बताया जिसने लालकिले से शौचालय की बात की। यह कहना गलत नहीं है कि अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के साथ ही चुनावी भाषणों और सभाओं का अघोषित क्रम प्रारंभ हो चुका है। आज मोदी की छवि तेजी से मोदी ब्रांड में बदल चुकी है, जो भाजपा से कहीं आगे है। उन्हें जनता की पल्स ही नहीं मालूम बल्कि लोगों को कब, कैसे और कितना प्रभावित करना है, यह भी वे बखूबी जानते हैं। अपने कामों और उपलब्धियों को सरकार केवल प्रचार माध्यमों से ही नहीं याद दिलाती बल्कि ऐसे मौके तैयार किए जाते हैं, जहां प्रधानमंत्री स्वयं बुलंदगी से अपनी बात रखते हैं। निःसंदेह उन्होंने अपनी छवि एक ऐसे नेता की बनाई है, जो दुनिया के समक्ष बहैसियत खड़ा होता है और उसके पास दुनिया को बताने के लिए उपलब्धियों की एक लंबी सूची है। उनकी आलोचना करने वाले भी मानते हैं कि उन्होंने भारत की स्थिति को मजबूती देने में उल्लेखनीय सफलता पाई है। विपक्ष की एकजुटता में निरंतर आ रहीं दरारें भी अपरोक्ष रूप से पीएम मोदी को मजबूती प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभाती नजर आ रही हैं। उनका यह आत्मविश्वास भाजपा के लिए सफलता के अमृत सोपान सा प्रतीत हो रहा है।
विभिन्न सर्वे बताते हैं कि मोदी सरकार को तीसरा कार्यकाल मिलना तय है। शक्तिशाली नेतृत्व में काम कर रही पार्टी के पिछले कुछ वर्षों का प्रदर्शन देखें, तो इसमें कोई संदेह भी नहीं होता। ज्यादातर राजनीतिक पंडितों की राय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरा कार्यकाल मिलने के साथ ही भाजपा की भी स्थिति शानदार रहेगी। इसकी मुख्य वजह मोदी सरकार के कामकाज को ही बताया जा रहा है। जी-20 की अध्यक्षता, राम मंदिर का निर्माण, आतंकी घटनाओं पर अंकुश, अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ता दबदबा, महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी आदि ऐसे विषय हैं, जिनके कारण सरकार की साख बढ़ी है। पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, यह मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।
शक्तिशाली नेतृत्व में काम कर रही पार्टी के पिछले कुछ वर्षों का प्रदर्शन देखें, तो इसमें कोई संदेह भी नहीं होता। एक प्रमुख व्यावसायिक अखबार, यूगोव इंडिया और दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सहयोग से किए गए एक हालिया सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं से पूछा गया कि वे विशिष्ट क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए गए काम से कितने संतुष्ट हैं। अखबार ने बताया कि ‘करीब 70 फीसदी लोगों ने सरकार द्वारा जी- 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी, आतंकवादी हमलों पर अंकुश, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, लंबे समय से लटके महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने और चीन के साथ सीमा विवादों से निपटने पर संतुष्टि जाहिर की। देश में पहली बार एक सप्ताह के भीतर सात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लोकार्पण और शिलान्यास का रिकॉर्ड बना। अमेरिकी एजेंसी मॉर्निंग कंसल्ट की 2024 की पहली तिमाही के लिए वर्ल्ड लीडर अप्रूवल रेटिंग रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 78 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से संतुष्ट हैं और नरेंद्र मोदी को अपने नेता के तौर पर स्वीकृति देते हैं। इससे पहले दिसंबर 2023 की रिपोर्ट में भी पीएम मोदी 76 फीसदी अप्रूवल के साथ दुनिया में शीर्ष पर थे।