ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में जल्द ही ऐसी ट्रेन पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी, जिसके ऊपरी डेक पर यात्री बैठे होंगे और नीचे के डिब्बे में सामान भरा होगा। यानी एक ही ट्रेन में दो तरह का काम- पैसेंजर और सामान की ढुलाई साथ-साथ। इस डबल डेकर ट्रेन का निर्माण रेल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) कपूरथला में हो रहा है। बैली फ्रेट कॉन्सेप्ट के तहत चलाई जाने वाली इन ट्रेनों के कोच का ट्रायल इसी महीने के आखिर तक होने की उम्मीद है। शुरू में दो डबल डेकर ट्रेन बनाने की योजना है। ट्रेन के ऊपरी कोच में 46 यात्रियों के लिए जगह होगी तो नीचे के डिब्बे में 6 टन तक माल आ सकेगा।
‘टू इन वन’ डबल डेकर ट्रेनों को चलाने का सुझाव कोरोना महामारी के दौरान आया था जब यात्री आवागमन बिल्कुल ठप हो गया था। रेल कोच फैक्टरी कपूरथला के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड को तीन डिजाइन सुझाये गए थे। इनमें से एक को पास किया गया है। एक कोच के निर्माण पर 2.70 करोड़ से 3 करोड़ के बीच खर्च आएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, आरसीएफ कपूरथला के जनरल मैनेजर आशीष अग्रवाल का कहना है कि रेल कोच फैक्टरी में पहली कार्गो लाइनर ट्रेन बनाई जा रही है। इस ट्रेन के कोच के इसी महीने रोल आउट होने की पूरी संभावना है। अग्रवाल का कहना है कि इस ट्रेन का डिजाइन काफी अनूठा है और यह पूर्ण रूप से वातानुकूलित होगी। इस ट्रेन के कोच का प्रोटोटाइप जल्द बन जाएगा। फिर इसे रेलवे मंत्रालय के शोध और विकास संगठन, रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन के पास ट्रायल के लिए भेजा जाएगा। ट्रायल के सफल होने पर आरसीएफ और कोच का निर्माण करेगा।
एक ट्रेन में होंगे 20 कोच
सूत्रों का कहना है कि रेलवे की योजना शुरुआत में दो ‘टू इन वन’ डबल डेकर ट्रेनें चलाने की है। हर एक ट्रेन में 20 कोच होंगे। इन ट्रेनों को कार्गो लाइनर कॉन्सेप्ट पर रोल आउट किया जाएगा और ये निर्धारित रूट पर रेगुलर चलेंगी। यह ट्रेन अलग-अलग तरह के सामान ढो सकती है।
पार्सल डिलिवरी पर फोकस
माना जा रहा है कि इस कदम से पार्सल पहुंचाने में बड़ी सुविधा मिलेगी और सामान समय पर डिलिवर किया जा सकेगा। अभी तक होता ये है कि यात्री पहले पहुंच जाता है और उसका माल कुछ दिनों बाद स्टेशन पर पहुंचता है। इससे समय पर सामान की डिलिवरी नहीं होती और समय की बर्बादी के साथ पैसे भी अतिरिक्त लगते हैं।