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नई दिल्ली। भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के समर्थन में कई साधु-संत सामने आए हैं। संतों ने कहा कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर के भी पूरा बनने से पहले प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। सरयू आरती के शशिकांत दास ने एक बयान में कहा कि अयोध्या में शुभ अवसर 500 वर्षों के इंतजार और संघर्ष के बाद आया है। इस अवसर की विशालता को कम करने के लिए कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए। दूधेश्वर मंदिर के महंत नारायण गिरि ने कहा कि प्रतिष्ठा समारोह सौभाग्य की घटना है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इस पर मुद्दा उठा रहे हैं।
विरोध नहीं
गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा काफी शुभ मुहूर्त और गर्भगृह का निर्माण पूरा होने के बाद ही हो रही है। शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में नहीं है।