ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अंतरिक्ष के 50 से अधिक सेक्टर्स में भारत के स्टार्टअप्स बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। भारत की युवा शक्ति का सामर्थ्य आज पूरी दुनिया देख रही है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत में है। देश में 1.25 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं, जो 12 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। भारत में 110 यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं। सरकार ने बजट में रिसर्च और इनोवेशन के लिए एक लाख करोड़ के फंड का एलान किया है।
प्रधानमंत्री मोदी यहां भारत मंडपम में आयोजित तीन दिवसीय स्टार्टअप महाकुंभ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। स्टार्टअप महाकुंभ 2024 पिछले आयोजनों के मुकाबले इस बार 100 गुना से ज्यादा विराट था। इस इवेंट में दो हजार से अधिक स्टार्टअप, एक हजार से अधिक निवेशक, 300 इनक्यूबेटर, तीन हजार सम्मेलन प्रतिनिधि, 20 से अधिक देश के प्रतिनिधि, सभी भारतीय राज्यों के भावी उद्यमी, 50 से अधिक यूनिकॉर्न और 50 हजार से अधिक व्यवसायी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मुझे खुशी है कि आज कृषि, टेक्सटाइल, मेडिसिन, परिवहन, अंतरिक्ष और यहां तक कि योग और आयुर्वेद के स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘देश ने स्टार्टअप इंडिया अभियान के तहत नए-नए इनोवेशन आइडियाज को एक प्लेटफॉर्म दिया, उनको फंडिंग के स्रोत से कनेक्ट किया।
‘अटल टिंकरिंग लैब’
शैक्षणिक संस्थानों में इनक्यूबेटर स्थापित करने का अभियान भी चलाया और उसकी बाल वाटिका के रूप में हमने ‘अटल टिंकरिंग लैब’ शुरू की। भारत की स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व आज देश के छोटे शहरों के युवा कर रहे हैं।’
आईटी-सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में ऊंची छलांग
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत ने आईटी और सॉफ्टवेयर की दुनिया में ऊंची छलांग लगाई और अब हम देख रहे हैं कि भारत इनोवेशन और स्टार्टअप संस्कृति विकसित करने के मामले में तेजी से बढ़ रहा है।
‘भारत ने सही समय पर सही फैसले लिए’
स्टार्टअप महाकुंभ में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि, ‘स्टार्टअप लॉन्च तो बहुत लोग करते हैं, राजनीति में तो ये बहुत ज्यादा होता है और बार-बार लॉन्च करना पड़ता है।
आप में और उनमें फर्क ये है कि आप लोग प्रयोगशील होते हैं, अगर एक लॉन्च नहीं हुआ तो तुरंत दूसरे पर चले जाते हैं। आज जब देश 2047 के विकसित भारत के रोडमैप पर काम कर रहा है, ऐसे समय में मुझे लगता है कि इस स्टार्टअप महाकुंभ का बहुत महत्व है। बीते दशकों में हमने देखा है कि भारत ने कैसे आईटी और सॉफ्टवेयर सेक्टर में अपनी छाप छोड़ी है। अब हम भारत में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर का ट्रेंड लगातार बढ़ता हुआ देख रहे हैं।
नई उम्मीद, नई ताकत बनकर उभरा भारत
भारत आज अगर ग्लोबल स्टार्ट अप स्पेस के लिए नई उम्मीद, नई ताकत बनकर उभरा है, तो इसके पीछे एक सोचा समझा विजन रहा है। भारत ने सही समय पर सही निर्णय लिए हैं। सही समय पर स्टार्टअप्स को लेकर काम शुरू किया।’
यह कार्यक्रम एपेक्स इंडस्ट्री एसोसिएशन, बूटस्ट्रैप इनक्यूबेशन एंड एडवाइजरी फाउंडेशन और इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। यह उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा समर्थित है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘स्टार्टअप महाकुंभ भारत की अभिनव प्रतिभा, कैन डू स्पिरिट और प्रभाव करने की प्रबल इच्छा शक्ति का एक प्रतीक है। 21वीं सदी स्टार्टअप की सदी है और स्टार्टअप इसे भारत की सदी बनाएंगे, ये मेरा पक्क ा विश्वास है।’
कॉरपोरेट गवर्नेंस व मूल्यांकन पर दें जोर : अमिताभ कांत
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, स्टार्टअप इनोवेशन व विकास जारी रखने के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस और सही मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करें। कांत ने देश में स्टार्टअप के संदर्भ में कहा, लंबे समय तक टिकाऊ और समृद्ध बनने के लिए ऐसी कंपनियों को कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा, मैंने स्टार्टअप को बढ़ते हुए देखा है। उनमें से कई को ढहते हुए भी देखा है। इसलिए, कॉरपोरेट गवर्नेंस बहुत महत्वपूर्ण है। देश के स्टार्टअप तंत्र में स्व-नियमन की जरूरत है।
सरकारी अनुबंध पाने को मिलेंगे अतिरिक्त अवसर
कांत ने इस्राइल का उदाहरण देकर कहा, वहां नवाचार के कारण सरकार खुद स्टार्टअप से उत्पाद खरीदती है। ऐसा नवाचार हो तो भारत में भी स्टार्टअप के लिए सरकारी अनुबंध पाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के अतिरिक्त अवसर पैदा होंगे। अगर सरकार पहली खरीद करने में सक्षम है तो यह कदम कई स्टार्टअप में बड़ी वृद्धि को चलाने के लिए सबसे बड़ा उत्प्रेरक होगा।
7-8 साल में 100 स्टार्टअप होंगे सूचीबद्ध
भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हर साल 10 अरब डॉलर या लगभग 80,000 करोड़ रुपये का वित्तपोषण पर्याप्त है। आज भारत में करीब 20 स्टार्टअप हैं, जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। अगले 7-8 वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 100 तक पहुंचने की उम्मीद है।
प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नीति चर्चा के अंतिम चरण में
सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए नीति अंतर-मंत्रालयी चर्चा के अंतिम चरण में है। इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा, हम एक बड़ा कोष बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। स्टार्टअप को देश और खुद के लाभ के लिए अपने नवोन्मेषण को बौद्धिक संपदा अधिकारों में बदलना चाहिए। व्यापक अनुसंधान एवं विकास के जरिये ऐसा किया जा सकता है।
प्रोत्साहन, मदद के लिए ‘स्टार्टअप इंडिया पहल’
हमारा देश दुनिया में स्टार्टअप के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। भारत सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है, जैसे कि ‘स्टार्टअप इंडिया पहल’। यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है जो भारत को स्टार्टअप की नई दुनिया की ओर ले जाता दिख रहा है। इस पहल के तहत सरकार स्टार्टअप को कई तरह की सहायता देती है, जैसे कि आसान लोन, कर छूट और इनक्यूबेटर सुविधाएं।