ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। यूक्रेन संघर्ष के संबंध में नई दिल्ली घोषणापत्र में बाली दस्तावेज से अलग भाषा को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘बाली, बाली था, नई दिल्ली, दिल्ली है। बाली घोषणा के बाद से कई चीजें घटित हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी को भी इसके बारे में रूढ़िवादी दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए। नई दिल्ली घोषणापत्र आज की स्थिति पर आधारित है।
‘यूक्रेन संघर्ष पर आम सहमति
संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि यूक्रेन मुद्दे पर आम सहमति पर पहुंचना कितना मुश्किल था, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘यह 83 पैराग्राफ का घोषणापत्र है और इसमें बहुत सारे विषयों को शामिल किया गया है लेकिन जाहिर तौर पर जारी संघर्ष और इस संबंध में अलग-अलग विचारों के कारण, पिछले कुछ दिनों में भू-राजनीतिक मुद्दों के संबंध में काफी समय व्यतीत हुआ और ये मुद्दे यूक्रेन युद्ध पर ही केंद्रित थे।
यह पूछे जाने पर कि किन देशों ने यूक्रेन संघर्ष पर आम सहमति बनाने में मदद की, उन्होंने कहा, ‘दरअसल… हर किसी ने मदद की। सर्वसम्मति बनाने के लिए हर कोई एक साथ आया, लेकिन उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने इस पर विशेष नेतृत्व किया और हममें से कई लोगों के पास एक साथ काम करने का एक मजबूत इतिहास है।