ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका की जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच फाइटर प्लेन के इंजन बनाने का समझौता हो गया है। जीई ने इसको लेकर हुए एमओयू की जानकारी दी है। जीई के मुताबिक भारत में बनने वाले फाइटर प्लेंस जैसे तेजस में इंडियन एयरफोर्स इन इंजनों का इस्तेमाल करेगी। जीई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के समय हुए इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है।
व्हाइट हाउस के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के साझा बयान में भारत को हथियारबंद ड्रोन बेचे जाने का ऐलान होगा।
जीई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की गैस टर्बाइन रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट (जीटीआरई) प्रयोगशाला के साथ इंजन की उत्पादन तकनीक साझा करेगी। यह इसलिए भी अभूतपूर्व है क्योंकि अमेरिका ने यह तकनीक अब तक नाटो देशों के साथ भी साझा नहीं की है। तेजस का इंजन विकसित करने की जिम्मेदारी बंगलुरू स्थित जीटीआरई के पास है।