ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के एलसीए तेजस ने जर्मन वायु सेना के यूरोफाइटर टाइफून विमान को इंटरसेप्ट किया है। इन दोनों विमानों की शक्ति में जमीन-आसमान का अंतर है। यूरोफाइटर टाइफून को आसमान का राजा कहा जाता है। ऐसे में यूरोफाइटर टाइफून को इंटरसेप्ट कर तेजस ने बड़ा मुकाम हासिल किया है।
इस घटना के बाद जर्मन लेफ्टिनेंट जनरल गेरहार्ट्ज ने कहा, मैंने आज उड़ान भरी, और यह बहुत अच्छा था। इस दौरान भारतीय वायु सेना का विमान आया और हमें रोका। उन्होंने यह भी कहा, मैं इस अभ्यास में और ज्यादा उड़ान भरने के लिए उत्सुक हूं। यह पहली बार था जब जर्मन वायु सेना ने भारत में वायु सेना के अभ्यास में भाग लिया। इस भागीदारी को जर्मनी की इंडो-पैसिफिक नीति में बदलाव का संकेत माना जा रहा है।
– दोनों देशों का संयुक्त वायुसेना अभ्यास
भारतीय वायु सेना की रीढ़ बन चुका तेजस
एलसीए ‘तेजस’ अपने डेवलपमेंट के बाद से लंबा सफर तय कर चुका है। यह विमान भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की रीढ़ बन रहा है और जल्द ही इसे पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे पर अग्रिम ठिकानों व उत्तरी क्षेत्र में परिचालन भूमिकाओं में तैनात किया जाएगा, जहां इसे पाकिस्तान के एफ-16 और एफ-17 का सामना करना होगा। हालांकि, तेजस के यूरोफाइटर टाइफून को इंगेज करने की घटना ने इस स्वदेशी विमान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है।
यूरोफाइटर टाइफून कितना खतरनाक
यूरोफाइटर टाइफून एक यूरोपीय मल्टीनेशनल ट्विन-इंजन, सुपरसोनिक, कैनार्ड डेल्टा विंग, मल्टीरोल फाइटर जेट है। टाइफून को मूल रूप से एक एयर-सुपीरियरिटी फाइटर जेट के रूप में डिजाइन किया गया था।
इसका निर्माण एयरबस, बीएई सिस्टम्स और लियोनार्डो के एक ज्वाइंट होल्डिंग कंपनी ने किया है। ये तीनों कंपनियां यूरोफाइटर जगदफ्लुगजेग जीएमबीएच के माध्यम से परियोजना का अधिकांश हिस्सा संचालित करती हैं। यूके, जर्मनी, इटली और स्पेन का प्रतिनिधित्व करने वाली नाटो यूरोफाइटर और टॉरनेडो मैनेजमेंट एजेंसी इस परियोजना का प्रबंधन करती है और प्रमुख ग्राहक है।