ब्लिट्ज ब्यूरो
बुंदेलखंड। बुंदेलखंड अपने सूखे के लिए हमेशा बदनाम रहा है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इस धारणा को बदलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं बांदा के आलोक सिंह। आलोक ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। उन्होंने एक बंजर पड़ी जमीन को हरा भरा बगीचा बना दिया है। आज वह बुंदेलखंड के प्रगतिशील किसानों में गिने जाते हैं।
बुंदेलखंड के आलोक सिंह ने बताया कि 2017 में उनके 2.5 वर्ष के बेटे का निधन हो गया था। बेटे की याद में उन्होंने अपनी जमीन पर कुछ पेड़ लगाए लेकिन वे पेड़ लग नहीं पाए क्योंकि जमीन बंजर थी। इसके बाद आलोक ने बंजर जमीन को हरा भरा करने की शपथ ले ली। उन्होंने इस पर काम शुरु किया।
आज पूरी जमीन हरी-भरी
आज उनकी पूरी जमीन हरी-भरी हो चुकी है। आलोक सिंह ने यह भी तय किया कि वह पूरी तरह ऑर्गेनिक खेती करेंगे। 7 साल की मेहनत के बाद उन्होंने एक मुकाम हासिल कर लिया है।
अनेक पुरस्कार मिल चुके
उन्हें जिला, मंडल और प्रदेश स्तर पर पुरस्कार भी दिए जा चुके हैं। आज वह अन्य किसानों को जाकर ऑर्गेनिक खेती करने के टिप्स देते हैं। आलोक ने बताया कि उन्होंने एग्रो टूरिज्म की दिशा में भी काम करना शुरू कर दिया है। बांदा घूमने आने वाले पर्यटकों को वह ऑर्गेनिक फार्मिंग और मोटे अनाज के महत्व के बारे में बताते हैं। कैसे इसकी खेती की जाए और बुंदेलखंड का आम जनजीवन कैसा है, यह विदेशी पर्यटकों को दिखाने का काम करते हैं।
पर्यटकों को खेत पर ही शुद्ध बुंदेली भोजन
पर्यटकों को खेत पर ही शुद्ध बुंदेली भोजन उपलब्ध करवाते हैं। आलोक सिंह ने बताया कि वह पेशे से अध्यापक हैं। उन्होंने शौक के तौर पर खेती शुरु की थी लेकिन, अब इसी में मजा आने लगा है।