दीप्सी द्विवेदी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सांसद अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी से बचाव की मांग खारिज कर दी। सीबीआई को उसकी जांच पूरी करने के लिए दी गई 30 अप्रैल की समय सीमा को बढ़ाकर 30 जून कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर जांच का यह मानक है तो सीबीआई को बंद करना बेहतर है। शीर्ष अदालत ने पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या मामले में कडप्पा के सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी को गिरफ्तारी से बचाने वाला तेलंगाना हाईकोर्ट का आदेश भी खारिज कर दिया। साथ ही सीबीआई को प्रश्न-उत्तर की तर्ज पर आरोपी से पूछताछ का निर्देश देने पर आपत्ति जताई।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, यह आपराधिक कानून न्यायशास्त्र को फिर से लिखने जैसा है। इस तरह का आदेश जांच को निष्प्रभावी कर देगा। हाईकोर्ट किसी संदिग्ध की जांच लिखित रूप में करने का आदेश नहीं दे सकता। हाईकोर्ट के लिए यह पूरी तरह से अनुचित था कि वह इस प्रश्नावली को पहले प्रतिवादी को देने का आदेश दे। इस तरह के आदेश विशेष रूप से जांच को प्रभावित करते हैं। सीबीआई कई आरोपियों की भूमिका का पता लगा रही है। ऐसे में हाईकोर्ट के निर्देश अनुचित थे।
– सांसद अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी से बचाव की मांग खारिज
पीठ ने अविनाश रेड्डी की संरक्षण की मांग खारिज कर दी। सीबीआई को उसकी जांच पूरी करने के लिए दी गई समय सीमा को बढ़ाकर 30 जून कर दिया। सांसद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार द्वारा की गई उनके मुवक्कि ल की गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग पर पीठ ने कहा, इस मामले में हमें कहना पड़ा कि हाईकोर्ट इस तरह के आदेश पारित नहीं कर सकता है। हम वास्तव में हाईकोर्ट के आदेश से परेशान हैं। अगर सीबीआई को आपको गिरफ्तार करना होता तो वे पहले ही कर लेते। सीबीआई ने अत्यंत संयम दिखाया है। कुमार ने कहा, शीर्ष अदालत को संरक्षण देना चाहिए क्योंकि मामला हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आ रहा है।
रेड्डी की पुत्री ने हाईकोर्ट के आदेश पर उठाए सवाल
मृतक की पुत्री डॉ. सुनीता रेड्डी के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने हाईकोर्ट के 18 अप्रैल के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा, यदि इस तरह का आदेश पारित किया गया तो यह व्यर्थ की कवायद होगी। यह पूर्ण रूप से बेतुकापन और अराजकता है। पीठ ने कहा, अगर जांच का यह मानक है तो सीबीआई को खत्म करना बेहतर है। कल्पना कीजिए जब अन्य आरोपी इसे मिसाल के तौर पर पेश करेंगे।
हाईकोर्ट ने वाईएसआरसीपी सांसद को वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए हर रोज सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था और उन्हें 25 अप्रैल तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी।
आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के भाइयों में से एक विवेकानंद रेड्डी की राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 की रात कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि अपराध स्थल को साफ किया गया था और वाईएस अविनाश रेड्डी, वाईएस भास्कर रेड्डी, डी शिवशंकर रेड्डी व अन्य के इशारे पर दिल का दौरा पड़ने से मौत की कहानी को विश्वसनीय बनाने के लिए शरीर पर घावों को पट्टियों से लपेटा गया था।