ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर प्रदूषण बढ़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच पड़ोसी राज्यों से सवाल किया है कि उन्होंने वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि पंजाब में बड़ी संख्या में पराली जलाई जा रही है। कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब , यूपी, हरियाणा राजस्थान से एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट अथॉरिटी ने दी सफाई
सुप्रीम कोर्ट में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट अथॉरिटी ने हलफनामे में कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या हर साल हमारे सामने आती है, लेकिन एक्यूआई में कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलता है। एमिकस क्यूरी ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटना फिर सामने आई है।
कोर्ट ने कहा कि इस समय दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब स्थिति में है। हम आने वाली पीढ़ी के लिए चिंतित हैं। उस पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। आज दिल्ली के हालात यह हैं कि घर से बाहर निकलना मुश्किल है। कुछ दशक पहले, यह दिल्ली का सबसे अच्छा समय हुआ करता था, लेकिन अब हालात बिल्कुल अलग नजर आते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को होनी है।
केंद्र ने कहा, प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए
केंद्र सरकार ने कहा कि हमने प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन आज प्रदूषण खराब हालात में हैं। प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट दाखिल की गई है, जिसमें बीते तीन साल और आज के मौजूदा हालात के बारे में बताया गया है। साथ ही प्रदूषण के कारकों के बारे में बताया गया है। केंद्र सरकार ने कहा कि बीते दो दिन में पराली जलाने की घटना बढ़ी है, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत कम है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि प्रदूषण की मौजूदा हालात क्या है। एक्यूआई क्या है? इसके जवाब में कोर्ट को बताया गया कि आज भी एक्यूआई बेहद खराब है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सभी उपाय सिर्फ पेपर पर हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है। दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार नहीं हो रहा है।