आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। हिंद महासागर में चीन की हरकतों पर भारत करारा जवाब दे रहा है। पहले राफेल ने हिंद महासागर क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन किया था,अब वायुसेना के सुखोई-30एमकेआई विमानों के बेड़े ने हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार 8 घंटे तक उड़ान भरकर एक रणनीतिक मिशन को अंजाम दिया। इससे पहले चार राफेल विमानों ने भी इसी तरह का मिशन पूरा किया था।
सूत्रों ने बताया कि सुखोई-30एमकेआई विमानों ने हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में उड़ान भरी। इसके जरिए लंबी दूरी के मिशन को अंजाम देने के अपने ऑपरेशनल कौशल और क्षमता का प्रदर्शन किया।
– ड्रैगन के मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार भारतीय वायुसेना
राफेल लड़ाकू विमानों ने अपनी छह घंटे की उड़ान के दौरान हिंद महासागर के पूर्वी क्षेत्र को कवर किया था। वायुसेना ने ट्वीट किया, हिंद महासागर क्षेत्र में एक और यात्रा। इस बार एक अलग धुरी पर सुखोई-30एमकेआई ने करीब 8 घंटे की उड़ान भरी। हिंद महासागर के दो क्षेत्रों को कवर किया।
वायुसेना ने अपने दोनों मिशन ऐसे वक्त में किए हैं जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में दखलअंदाजी बढ़ा रहा है। भारतीय नौसेना भी हिंद महासागर में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रही है। वायुसेना ने पिछले सप्ताह और पिछले महीने के अंत में किए गए ऑपरेशनों के विवरण का खुलासा नहीं किया है। पिछले अभियान में कितने विमान शामिल थे, इसकी भी जानकारी सामने नहीं आई है।
भारत, फ्रांस और यूएई की नौसेनाओं ने पहली बार 7 से 8 जून तक त्रिपक्षीय समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। समुद्र में संचालन का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम जैसे कि सतही युद्ध में सामरिक फायरिंग और मिसाइल अभ्यास, क्लोज-क्वार्टर युद्धाभ्यास, फ्रेंच राफेल के साथ उन्नत वायु रक्षा अभ्यास और यूएई डैश 8 एमपीए, हेलीकाप्टर क्रॉस लैंडिंग ऑपरेशन शामिल हैं। भाग लेने वाली इकाइयों द्वारा समुद्र में पुनःपूर्ति के लिए अभ्यास किया गया।