ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। कनाडा जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीयों छात्रों को बड़ा झटका लगा है। भारतीय छात्रों को अब और ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा क्योंकि ट्रूडो सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव किया है। ऐसे में अब छात्रों को ट्यूशन फीस के अलावा और ज्यादा पैसों की आवश्यकता पड़ेगी।
कनाडा के लिए स्टडी वीजा लेने वाले छात्रों को फिलहाल 10 हजार डाॅलर की आवश्यकता पड़ती रही है। लेकिन अब एक छात्र को अपने खाते में 20 हजार 635 डाॅलर की राशि अपने खाते में प्रदर्शित करनी पड़ रही हैै। इतना ही नहीं अगर छात्र के साथ कोई उसके परिवार का सदस्य भी साथ आता है तो एडिशनल 4 हजार डाॅलर की व्यवस्था करनी पड़ती है।
पंजाबियों ने शुरू किया विरोध
कनाडा सरकार ने यह कदम भारी आवास संकट के बाद उठाया है ताकि कनाडा आने वाले छात्रों की संख्या को सीमित किया जा सके। बता दें कि कनाडा में फिलहाल 8 लाख से अधिक विदेशी छात्र पढ़ाई करने आते हैं। उसमें से 3 लाख 20 हजार सिर्फ भारत के हैं। इन छात्रों में भी 70 फीसदी तो सिर्फ पंजाब से हैं। कनाडा सरकार के अप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि सितंबर 2024 से पहले हम वीजा को सीमित करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
इन समस्याओं का सामना कर रहा कनाडा
ओटावा में पार्लियामेंट हिल में मीडिया को संबोधित करते हुए इमिग्रेशन मंत्री ने कहा कि कनाडा सरकार धोखाधड़ी, शोषण और आवास जैसी समस्याओं का सामना कर रही है। ऐसे में इन सभी मुद्दों को हल करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इससे वहां बसे पंजाबी इस पाॅलिसी का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्टूडेंट फंड दोगुना करके इन समस्याओं से छुटकारा नहीं पाया जा सकता। सरकार जिम्मेदारी से बचने के लिए सारा बोझ विदेशी छात्रों पर डाल रही है।
कनाडा में आवास सकंट
मंत्री मिलर ने कहा कि विदेशी छात्रों की ज्यादा उपस्थिति से कनाडा में भी आवास का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में बड़ी संख्या में विदेशी छात्रों को पढ़ाई के लिए आमंत्रित करना भारी गलती होगी। ऐसे में कनाडा में पढ़ने आने वाले शिक्षण संस्थानों से हम अपेक्षा करते हैं कि वे कम छात्रों को वीजा दें ताकि उन्हें रहने के लिए छत मिल सके।