ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश की बड़ी उपलब्धियों, जैसे कि चंद्रयान-3, जी20 सम्मेलन, कोरोना प्रबंधन एवं अमृतकाल के बारे में इसी सेशन से बच्चों को स्कूल में शिक्षा दी जाएगी। साथ ही 2024 में होने वाले तीसरी से 12वीं तक के इम्तहानों में इनसे जुड़े प्रश्नों के उत्तर भी देने होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मत है कि ऐसा करने से अगले सत्र में जो पुस्तकें आएंगी, उनमें इस विषय से जुड़ी सामग्री भी मिलेगी।
सप्लीमेंट्री मेटेरियल इसी माह तथा नवंबर के दौरान हिंदी, अंग्रेजी व अन्य 21 भाषाओं में देश के सभी स्कूलों में पहुंचाए अथवा पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर एनसीईआरटी, सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति संयुक्त रूप से 15 विषयों पर मॉड्यूल तैयार कर रहे हैं। गत 17 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चंद्रयान मिशन पर पहला कंटेंट जारी किया था। इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ की मौजूदगी में अपना चंद्रयान कार्यक्रम लांच किया गया जिसके तहत एनसीईआरटी ने भारत ऑन द मूल पोर्टल लांच किया।
इसमें चंद्रयान से जुड़े 10 मॉड्यूल हैं जिनमें कलरिंग बुक, ऑनलाइन क्विज, वर्ग पहेली सहित अनेक रचनात्मक व समस्या हल करने जैसी गतिविधियां शामिल की गई हैं। इन मॉड्यूल्स में चंद्रयान मिशन के वैज्ञानिक, तकनीकी व सामाजिक पहलुओं की जानकारियों को भी शामिल किया गया है।
फाउंडेशनल और प्रीप्रेटरी स्तर के बच्चों के लिए लिए कलरिंग शीट, डोट-टू-डोट एक्टिविटी, कलर कोडिंग टू प्रीप्रेटरी, मिडल और सेकेंडरी स्तर के बच्चों के लिए टाइमलाइन ग्राफिक्स, फोटोग्राफ, वैज्ञानिकों की प्रेरक कहानियां, ऑनलाइन क्विज जैसी चीजें शामिल रहेंगी। जो बच्चे क्विज के 70 प्रतिशत सवालों के जवाब देंगे उन्हें तुरंत एक डिजिटल सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
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