मनोज जैन
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेता इस बात पर फोकस्ड थे कि भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत किए जाएं। दोनों के ये रिश्ते गर्मजोशी और विश्वास पर आधारित हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच तगड़ी बॉन्डिंग देखने को मिली। बैठक में दोनों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट, क्वांटम एंटेंगलमेंट, ह्यूमन स्पेस फ्लाइट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रणनीतिक साझेदारी, न्यूक्लियर एनर्जी और इंडो-पैसिफिक स्टेटस पर भी चर्चा हुई। मीटिंग करीब 52 मिनट चली।
बाइडेन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा- प्रेसिडेंट बाइडेन को 7 लोक कल्याण मार्ग पर रिसीव करके खुश हूं। हमारी मुलाकात काफी सार्थक रही। हमने कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। दोनों देशों के बीच आर्थिक मुद्दों पर सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क भी बढ़ेगा।
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन की बात दोहराई है।
मोदी और बाइडेन का जॉइंट स्टेटमेंट
बाइडेन ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता बताती है कि ये फोरम कैसे अहम नतीजे दे सकता है। वहीं, मोदी-बाइडेन ने जी20 के प्रति कमिटमेंट दोहराया और विश्वास जताया कि समिट अपने उद्देश्यों में सफल होगा।
दोनों ने कहा कि उनकी सरकारें इंडो-यूएस स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पर काम करती रहेंगी। साथ ही दोनों ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने में क्वाड की अहमियत बताई।
दोनों ने भरोसा दिलाया
पीएम मोदी और प्रेसिडेंट बाइडेन ने भरोसा दिया कि हम ग्लोबली सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के लिए मिल-जुलकर काम करेंगे। साथ ही भारत और अमेरिका रक्षा क्षेत्र में पार्टनरशिप के लिए प्रतिबद्ध हैं।एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बाइडेन सीधे पीएम मोदी के आवास पहुंचे। इस मुलाकात के बाद दोनों ने साझा बयान जारी किया।
बाइडेन ने जी20 की अध्यक्षता कर रहे भारत की तारीफ की और चंद्रयान-3 तथा आदित्य मिशन की सफलता पर भारतवासियों को बधाई दी। पीएम मोदी ने इस दौरान बाइडेन को 2024 में होने वाले क्वाड समिट का न्योता दिया। बैठक की सबसे खास बात यह रही कि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया।
क्वांटम एंटेंगलमेंट एक्सचेंज
इस बैठक में क्वांटम एंटेंगलमेंट एक्सचेंज के बारे में अहम बातचीत हुई। इस क्षेत्र में अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। दरअसल, क्वांटम एंटेंगलमेंट एक्सचेंज प्रोग्राम कार्यक्रम के तहत क्वांटम टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में छात्रों, रिसर्चर्स और प्रोफेशनल्स के आदान-प्रदान को आसान बनाने का एक विजन, एक मंच है। बता दें कि अमेरिका ने क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम के सदस्य के रूप में भारत के एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज कोलकाता की भागीदारी का स्वागत किया।
भारत-अमेरिकी पहल
दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिका पहल (आईसीईटी) पर भी चर्चा की, जिसमें रक्षा सहित सहयोग के लिए बाधाओं को दूर करने की परिकल्पना की गई है। सूत्रों ने कहा कि भारत में कई चीजें हैं जिनके बारे में अमेरिका का मानना है कि वे काफी मजबूत और स्वस्थ हैं और अन्य मुद्दे भी हैं जिन पर वह बातचीत जारी रखना चाहता है।
इसरो और नासा एक हुए
दोनों नेताओं ने घोषणा की कि इसरो और नासा ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लिए “तौर-तरीके, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण” पर चर्चा शुरू कर दी है। इसकी भी मान्यता दी गई कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुम्बई एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ है।