ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन गगनयान की सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन (एसएमपी) प्रणाली का इसरो ने सफल परीक्षण किया। तमिलनाडु के महेंद्रगिरी स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में इसका हॉट-टेस्ट 250 सेकेंड चला। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि परीक्षण में 440 न्यूटन थ्रस्ट क्षमता के पांच लिक्विड अपोजी मोटर इंजनों के साथ 100 न्यूटन थ्रस्ट क्षमता के 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम थ्रस्टर चलाकर परखे गए।
मिशन को अंतरिक्ष में पहुंचाते समय यही एलएएम इंजन यान की मुख्य प्रोपल्शन शक्ति होंगे तो वहीं, आरसीएस थ्रस्टर यान की सही ऊंचाई बनाए रखेंगे। यह एसएमपी प्रणाली इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर ने डिजाइन, विकसित व साकार की है। सर्विस मॉड्यूल एक बाई-प्रोपेलेंट आधारित प्रोपल्शन प्रणाली है।
यह प्रणाली यान को अंतरिक्ष में भेजते समय पृथ्वी के परिक्रमा पथ की कक्षा इकाई, कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया, सक्यूलराइजेशन (यान के कक्षा में प्रवेश का क्षण), परिक्रमा के दौरान नियंत्रण, डी-बूस्ट मनूवर (गति कम करना) और जरूरत में काम आने वाली एसएम आधारित अबोर्ट प्रणाली (खतरे के वक्त अंतरिक्ष यात्रियों का जीवन बचाने की प्रणाली) के लिए सबसे अहम है। परीक्षण के प्रणाली प्रदर्शक मॉडल में एसएम के तरल सर्किट की नकल की गई थी। इसमें प्रपलेंट टैंक फीड प्रणाली, हीलियम दबाव अनुकूलन प्रणाली, नियंत्रण कंपोनेंट्स और उड़ान-तरलीकृत थ्रस्टर भी शामिल किए गए।
अगस्त में लॉन्च होगा पहला गगनयान मिशन
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पिछले महीने कहा था कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ अगस्त के अंत में लॉन्च किया जाएगा, जबकि मानव रहित मिशन अगले साल लॉन्च होगा। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में एक कार्यक्रम के मौके पर सोमनाथ ने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए हमने एक नया रॉकेट बनाया है जो श्रीहरिकोटा में तैयार है।
क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को जोड़ने का काम शुरू हो गया है। मुझे बताया गया है कि इस महीने के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा और सभी परीक्षण पूरे कर लिए जाएंगे। परियोजना के हिस्से के रूप में ‘कक्षा में मानव रहित मिशन’ वर्ष 2024 की शुरुआत में हमारे पास होगा और वहां से यान को सुरक्षित वापस लाना है, जो तीसरा मिशन होगा। वर्तमान में हमने इन तीन मिशनों को निर्धारित किया है।