आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने देश की रक्षा में तैनात जवानों की रक्षा के लिए ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट बनाई है जो अब तक की सबसे हल्की जैकेट है। हल्की होने के बावजूद इसमें जवानों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह जैकेट एके-47 और स्नाइपर राइफल की गोलियों के वार रोकने में भी सक्षम है। इस जैकेट को एडवांस्ड बैलिस्टिक हाई एनर्जी डिफीट के रूप में स्वदेशी तौर पर आईआईटी दिल्ली द्वारा डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में डिजाइन और विकसित किया गया है।
देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी भारत में बनी यह जैकेट सबसे हल्की कही जा रही है। जैकेट की सबसे बड़ी खासियत इसकी ड्युरेबिलिटी है, जो समय बीतने के साथ भी वही मजबूती प्रदान करती है जो शुरुआत में होती है। भारत के लिए यह बहुत गौरव की बात है, क्योंकि बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए अभी तक हम विश्व के दूसरे देशों पर निर्भर थे। अब भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, दिल्ली के रिसर्चर्स ने ऐसी जैकेट बना दी जो मजबूती के साथ अत्यधिक हल्की होने की वजह से जवानों को मूवमेंट में भी सहूलियत देती है, जो अपने आप में उत्कृष्टता का बेहतरीन उदाहरण है।
वर्तमान जैकेट से 30 फीसदी हल्की
यह अमेरिका में बनी जैकेट से भी कम वजनी है। आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर नरेश भटनागर और प्रोफेसर रंजन बनर्जी ने बताया कि ये सबसे ज्यादा सुरक्षा देने वाली जैकेट है। इस स्वदेशी जैकेट को जल्द ही जवानों को मुहैया कराया जाएगा। प्रोफेसर ने बताया कि हम इस जैकेट पर कई सालों से काम कर रहे थे और हमारा लक्ष्य मजबूती के साथ इसको हल्का बनाने का था।
आखिरकार हमारी मेहनत रंग लाई। पहले इस्तेमाल हो रही बुलेटप्रूफ जैकेट से यह 25 से 30 प्रतिशत हल्की है। बता दें कि वर्तमान में भारतीय सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जा रही बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन करीब 10.5 किलोग्राम है।