संजय द्विवेदी
लखनऊ। श्रीरामोत्सव-2024 दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक, धार्मिक समारोह बनने जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से जन-जन को जोड़ने के लिए विहिप और आरएसएस ने ‘मास्टर प्लान’ बनाया है। विहिप 1 जनवरी से 15 जनवरी तक देशभर में अभियान चलाएगी।
इस दौरान 12 करोड़ परिवारों के 60 करोड़ लोगों को भगवान राम का चित्र और जन्मभूमि पर पूजित अक्षत (चावल) देकर 22 जनवरी के समारोह को सामूहिक रूप से देखने, भजन और भोज का न्योता दिया जाएगा।
वहीं भगवान श्रीराम की 3 मूर्तियों में से 2 तैयार हैं। मैसूर के अरुण योगीराज ने शालिग्राम पत्थर से 6 माह में मूर्ति तराशकर ट्रस्ट को सौंप दी है। योगीराज के मुताबिक ट्रस्ट ने मूर्ति को सोने और हीरे से जड़ित धनुष और तीर से सजाने की कल्पना की है। इससे मूर्ति की दिव्यता बढ़ जाएगी।
5 लाख गांवों के 30 करोड़ लोगों को जोड़ेंगे
विहिप के केंद्रीय मंत्री अंबरीश ने बताया कि विहिप की 22 जनवरी को देश के पांच लाख गांवों के मंदिरों, धार्मिक या सार्वजनिक स्थलों पर भी आयोजन की योजना है। इसमें प्राण-प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा। इसमें गांव के सभी निवासियों को बुलाया जाएगा, जिससे देश का कोना-कोना ‘राम मय’ होगा। विहिप का दावा है कि 60 करोड़ लोगों से सीधा संपर्क होगा। वहीं 5 लाख गांवों में करीब 30 करोड़ लोग जुड़ेंगे। इस तरह प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ने वाले लोगों की अनुमानित संख्या 90 करोड़ होगी।
16 से 24 जनवरी तक चलेंगे कार्यक्रम
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर 24 जनवरी तक चलेगा। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले सरयू पूजन करके उसके जल से रामलला का अभिषेक होगा। फिर उन्हें रथ से नगर भ्रमण कराया जाएगा। इससे पहले रामलला की मूर्ति को जल, फल और अन्न के बीच में एक-एक दिन रखा जाएगा।
राम मंदिर आकार ले चुका प्राण-प्रतिष्ठा के लिए
9 दिवसीय समारोह के दौरान श्रीराम यंत्र की स्थापना की जाएगी। कार्यक्रम के समापन के बाद इसे सरयू नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा। समारोह में हवन के लिए 9 कुंड बनाए जाएंगे। पूरा कार्यक्रम काशी के विद्वानों की देख-रेख में होगा।
100 विशेष और 7 हजार रामभक्तों को आमंत्रण
राम मंदिर के ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, “समारोह में विश्व के अनेक देशों के करीब 100 विशेष राम भक्तों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा, संतों और देशभर के राम भक्तों सहित 7 हजार लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य पर्व 22 जनवरी को पीएम मोदी को शामिल होने के लिए आमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है।”
देशभर के 4 लाख मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह देशभर के 4 लाख गांवों के मंदिरों में भी मनाया जाएगा। इन मंदिरों में रामनाम संकीर्तन और किसी एक मंत्र के जप के साथ मुख्य पर्व पर आरती और प्रसाद वितरण होगा। इसके साथ ही समारोह का लाइव टेलीकास्ट होगा जिससे करोड़ों भक्त इस ऐतिहासिक पल को सीधे देख सकें। भारी पत्थरों को क्रेन की मदद से एक दूसरे के ऊपर रखवाया जा रहा है।
पुजारी को ट्रेनिंग, अन्य मंदिरों में तैनात होंगे पुजारी
रामलला के पुजारी वही होंगे, जिनका जन्म अयोध्या में हुआ है। पुजारी को जरूरत पड़ने पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अभी तक पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार रामलला की पूजा होती थी। अब भव्य राम मंदिर के निर्माण और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद यह सब नए सिरे से तय किया जा रहा है।
अभी तक रामलला के पूजन के लिए एक मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी होते हैं। अब इनकी संख्या में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले अन्य मंदिरों के लिए भी पुजारियों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए 100 से ज्यादा वैदिक छात्रों का प्रशिक्षण के लिए चयन किया गया है।
श्रीराम की ससुराल भी भेजा गया निमंत्रण
भगवान श्रीराम की ससुराल नेपाल में जनकपुर स्थित जानकी मंदिर के महंत को भी अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया है। जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी राम रोशन दास ने बताया कि उन्हें और मंदिर के महंत को निमंत्रण मिला है। इसके बाद वैदिक संस्कृति का पालन करते हुए तैयारियां की जा रही हैं। दास ने कहा कि मिथिला और अयोध्या का अनोखा रिश्ता है। हमने वहां जाने की तैयारी शुरू कर दी है। हम 22 से 24 जनवरी तक हर्षोल्लास और उत्सव के साथ अयोध्या में रहेंगे।