ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस बार महिला मंत्रियों की भागीदारी दस फीसदी से भी कम रही, जबकि पिछली बार यह ज्यादा थी। इससे पहले के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि विभिन्न सरकारों में महिलाओं की हिस्सेदारी का प्रतिशत भले ही अलग- अलग रहा हो, लेकिन कैबिनेट में संख्या 6-8 के बीच सीमित रही।
इन आंकड़ों से ऐसा लगता है कि महिलाओं को अभी कैबिनेट में अपनी पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 2029 के चुनाव का इंतजार करना होगा।
72 सदस्यीय मोदी मंत्रिमंडल में सात महिला मंत्री हैं। इनमें दो कैबिनेट तथा पांच राज्यमंत्री हैं। यह हिस्सेदारी दस फीसदी से भी कम है। इससे पूर्व 2019 की बात करें तो उस समय 57 सदस्यीय मंत्रिमंडल में महज छह महिला मंत्री शामिल हुई थीं, जिनमें तीन कैबिनेट तथा तीन राज्यमंत्री थीं। हालांकि, तब मंत्रिमंडल का आकार छोटा था, इसलिए प्रतिशत में हिस्सेदारी 10.53 फीसदी दर्ज की गई।
जुलाई 2021 में जब कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो इसका आकार बढ़कर 78 सदस्यों का हो गया। तब 31 कैबिनेट तथा 47 राज्यमंत्री बनाए गए।
इसमें दो महिलाएं कैबिनेट और नौ राज्यमंत्री बनीं। संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी 11 तक पहुंची, तब यह हिस्सेदारी 14.10 फीसदी हो गई।
2015 में महिलाओं को मिली अधिक भागीदारी
2014 की बात करें तो तब 45 सदस्यीय मंत्रिमंडल में रिकॉर्ड छह कैबिनेट मंत्री महिलाएं शामिल हुई। एक महिला राज्यमंत्री बनाई गई।
कुल सात कैबिनेट सीटें महिलाओं के पास रहीं और यह हिस्सेदारी 15.6 फीसदी दर्ज की गई। 2015 में कैबिनेट फेरबदल में एक और महिला मंत्री को मौका मिला और प्रतिशत 17.78 फीसदी तक जा पहुंचा। बाद में हुए बदलावों में कैबिनेट का आकार बढ़ा और महिला मंत्रियों की संख्या नौ तक पहुंची, लेकिन प्रतिशत घटकर 12 के करीब रहा।
इसी प्रकार यदि उससे पहले की दो यूपीए सरकारों की बात की जाए तो 2004 में यूपीए-1 के 68 सदस्यीय कैबिनेट में सात महिला मंत्री थीं, जिनमें एक कैबिनेट और छह राज्य मंत्री शामिल थीं। हिस्सेदारी 10.29 फीसदी रही।
राज्यों के मंत्रिमंडल में भी कम हैं महिला मंत्री
महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें सभी राजनीतिक दल करते हैं, लेकिन यदि राज्यों के मंत्रिमंडलों को देखें तो वहां भी उनकी संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। वर्ष, 2021 में पश्चिम बंगाल में ममता कैबिनेट में 43 मंत्रियों में आठ महिलाएं शामिल की गईं ं। हालांकि, यह प्रतिशत 19 फीसदी के करीब बैठता है, लेकिन संख्या महज आठ ही रही। यही स्थिति अन्य राज्यों में है। 2019 में आम चुनाव के बाद हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार देश के 28 राज्यों में 529 मंत्री थे, जिनमें से 7.8 फीसदी यानी 41 ही महिला मंत्री थीं।