मनोज जैन
नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने कहा है कि दूरसंचार नियामक अवांछित काल पर अंकुश लगाने के लिए नियमों की समीक्षा करेगा और उन्हें मजबूत बनाएगा। ट्राई के एजेंडा में अवांछित कॉल पर कार्रवाई शीर्ष पर है। अनधिकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियों से अनचाहे संचार के बारे में उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों के बीच नियामक इस मुद्दे पर रुख सख्त कर रहा है।
‘इंडिया सैटकॉम-2024’
लाहोटी ने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) द्वारा आयोजित ‘इंडिया सैटकॉम-2024’ के अवसर पर कहा, ‘हमने अवांछित कॉल पर सेवा प्रदाताओं के साथ बातचीत की है और यह हमारी अगली प्राथमिकता है। हम गंभीरता से काम करेंगे। हम अवांछित या स्पैम काल के मुद्दे पर जांच सख्त करने के लिए मौजूदा नियमों में लोगों द्वारा पाई जाने वाली किसी भी खामी को दूर करेंगे।’
कड़ा संदेश दिया
ट्राई ने एक बैठक आयोजित कर सेवा प्रदाताओं और उनके टेलीमार्केटिंग कंपनियों को कड़ा संदेश दिया कि वे वायस काल का उपयोग कर बड़े पैमाने पर संचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
सक्रिय कार्रवाई के लिए कहा
कार्रवाई के तौर पर नियामक ने सभी हितधारकों, विशेष रूप से एक्सेस सेवा प्रदाताओं (दूरसंचार कम्पनियों) और उनके डिलीवरी टेलीमार्केटर्स से सक्रिय कार्रवाई करने की मांग की है।
‘एक साथ कई काल’ को रोका जाएगा
तत्काल कार्रवाई के तहत पहचान के लिए तकनीकी समाधान और 10 अंक वाले नंबर का उपयोग करके उद्यम ग्राहकों द्वारा ‘एक साथ कई काल’ को रोका जाएगा। काल के माध्यम से धोखाधड़ी और घोटाले की बढ़ती घटनाओं तथा इन पर कार्रवाई को लेकर लाहोटी ने कहा कि नियामकों की एक संयुक्त समिति इस मुद्दे के समाधान के लिए सामूहिक रूप से काम कर रही है। ट्राई उपग्रह आधारित दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन के लिए नियम, शर्तें और अन्य तौर- तरीके तय करने के लिए परामर्श प्रक्रिया एक महीने में शुरू करेगा।
उपग्रह संचार क्षेत्र फल-फूल रहा है
लाहोटी ने कहा कि भारत का उपग्रह संचार क्षेत्र फल-फूल रहा है और इसमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है। लाहोटी ने कहा, ‘अंतरिक्ष आधारित संचार की स्पेक्ट्रम आवश्यकता के संबंध में दूरसंचार अधिनियम में कुछ उपग्रह आधारित संचार सेवाओं के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटित करने का प्रावधान है।