ब्लिट्ज ब्यूरो
आगरा। प्रदेश के तीसरे एक्सप्रेस-वे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस- को मंजूरी दे दी। यह एक्सप्रेस-वे 4263 करोड़ रुपये से बनेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नई दिल्ली कार्यालय में 12 अगस्त को टेंडर खुलेगा। 88 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा। आगरा से ग्वालियर पहुंचने में डेढ़ घंटे लगेंगे।
आगरा-ग्वालियर नेशनल हाईवे 121 किमी लंबा है। अभी ग्वालियर पहुंचने में ढाई से तीन घंटे का समय लगता है जिसे देखते हुए आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे रोहता स्थित इनर रिंग रोड से शुरू होगा।
आगरा के 14, धौलपुर राजस्थान और मुरैना मध्य प्रदेश के 30 गांवों से गुजरेगा।
ग्वालियर स्थित सुसेरा गांव में वर्तमान ग्वालियर हाईवे से जोड़ा जाएगा।
47 पुलिया, चार छोटे और पांच बड़े पुल बनेंगे
एक्सप्रेस-वे में 47 पुलिया, चार छोटे और पांच बड़े पुल बनेंगे। चंबल नदी में सबसे बड़ा पुल बनाया जाएगा।
इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण तीन चरण में होगा। पांच जनवरी 2024 को एनएचएआइ नई दिल्ली ने टेंडर पहली बार जारी किया था।
23 फरवरी को यह खुलना था लेकिन आठ बार समय सीमा को बढ़ाया गया।
एनएचएआई ग्वालियर खंड के परियोजना निदेशक उमाकांत मीणा ने बताया कि 12 अगस्त को नई दिल्ली में टेंडर खुलेगा। एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा।
केंद्रीय मंत्री ने की थी घोषणा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सितंबर 2022 में ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की घोषणा की थी।
केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद भू अधिग्रहण शुरू होगा। 90 प्रतिशत भू−अधिग्रहण होने के बाद कार्यादेश जारी होगा।
इनर रिंग रोड के तीसरे चरण का बन रहा रोड
यमुना एक्सप्रेस-वे को ग्वालियर हाईवे से जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बन रहा है। तीन चरण में बन रहे रोड के दो चरण पूरे हो चुके हैं। तीसरे चरण के रोड का निर्माण एनएचएआई आगरा खंड कर रहा है। यह कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा। इनर रिंग बनने से यमुना और लखनऊ एक्सप्रेसवे के वाहन चालक आसानी से ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस में पहुंच सकेंगे।