सिंधु झा
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने भारतीय सेना और नागरिकों के लिए एक ऐसी बैटरी बनाई है जो शून्य से नीचे के तापमान में भी कुशलतापूर्वक काम करती है। यह अभूतपूर्व तकनीक सशस्त्र बलों और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाली नागरिक आबादी, दोनों के लिए अपार संभावनाएं रखती है।
इस अभिनव बैटरी में टिकाऊ कैथोड उत्प्रेरक को एंटी-फ्रीजिंग इलेक्ट्रोलाइट के साथ संयोजित किया गया है, जिससे यह दूरदराज के क्षेत्रों में ऊर्जा समाधान के लिए आदर्श बन जाती है, जहां पारंपरिक बैटरियां अक्सर अत्यधिक ठंड के कारण विफल हो जाती हैं। सीएसआईआर-केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने कोबाल्ट और लौह-आधारित मिश्र धातु को नैनोकणों के साथ एकीकृत करके हाइब्रिड कैथोड सामग्री बनाकर यह सफलता हासिल की।
बैटरी की मजबूती को बढ़ाता है नया डिजाइन
यह नया डिजाइन बैटरी की मजबूती को बढ़ाता है और लिक्विड और सॉलिड-स्टेट जिंक-एयर बैटरी दोनों में, यहां तक कि सब-जीरो स्थितियों में भी, असाधारण क्षमता प्रदान करता है। डिवाइस का हल्का और पोर्टेबल स्वभाव इसे कई तरह के अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाता है, जिसमें कठोर वातावरण में सैन्य अभियान और दूरदराज के क्षेत्रों में नागरिक उपयोग शामिल हैं।
महत्वपूर्ण कदम
इस बैटरी का विकास कुशल ऊर्जा भंडारण समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों को भारी कैथोड सामग्रियों के कारण सीमाओं का सामना करना पड़ता है, जबकि धातु-वायु बैटरियां आशाजनक विकल्प के रूप में उभरती हैं। सीएसआईआर का शोध टिकाऊ व पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देता है।