ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में यूसीसी बिल नहीं पेश किया जाएगा। दरअसल सरकार ने 21 विधेयक लिस्ट किए हैं जिसमें यूसीसी का नाम नहीं है। उधर, विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर मांगे गए सुझाव के जवाब में रिकॉर्ड 60 लाख सुझाव मिले हैं। इन सुझावों की छंटनी के लिए एआई टूल्स का सहारा लिया जाएगा। यूसीसी पर सुझाव और आपत्तियां देने का समय अब 28 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार 90 प्रतिशत से अधिक सुझाव ईमेल से मिले। लिखित सुझावों की अलग श्रेणियां बनाई जा रही हैं। अंग्रेजी-हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में मिले सुझावों का अनुवाद होगा। इससे पहले 2018 में यूसीसी पर 76 हजार सुझाव मिले थे।
यूसीसी के बारे में सबसे ज्यादा आपत्तियां और सुझाव मुस्लिम संगठनों से मिले हैं। अगले एक महीने में ज्यादा से ज्यादा संगठनों, संस्थाओं, गैर सरकारी निकायों, विशेषज्ञ केंद्रों के प्रतिवेदनों को आमने-सामने सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। हजारों सुझावों की शब्दावली एक-दूसरे से हूबहू मेल खाती है। जाहिर है ये मत किसी के इशारे पर भेजे गए हैं।
बड़ी संख्या में पीड़िताओं के पत्र मिले
आयोग को बड़ी संख्या में पीड़िताओं ने अपनी कहानी लिखकर भेजी है। इनमें विभिन्न धर्मों की महिलाओं ने बताया है कि तलाक लेने, संपत्ति में हिस्सेदारी और बच्चों की कस्टडी लेने में उन्हें निजी कानूनों की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यूसीसी पर विदेशों से भी सुझाव आए हैं। इनमें ज्यादातर कनाडा, ब्रिटेन और खाड़ी देशों से मिले हैं। अगले 40-50 दिन में इनके निपटारे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।